आगरा के एत्मादपुर में 20 परिवार की महिलाओं का धर्मांतरण

आगरा के एत्मादपुर इलाके के गढ़ी सम्मत में धर्णांतरण के कोशिश चल रही है। यहां कुछ लोगों द्वार अनपढ़ हिंदू महिलाओं को बाइबिल का पाठ पढ़ाया जा रहा है। उन लोगों के कष्ट दूर करने और बच्चों को अच्छे स्कूल में दाकिला दिलाने का प्रलोभन दिया जा रहा है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sun, 21 Dec 2014 04:41 PM (IST) Updated:Sun, 21 Dec 2014 04:45 PM (IST)
आगरा के एत्मादपुर में 20 परिवार की महिलाओं का धर्मांतरण

लखनऊ। आगरा के वेद नगर में धर्मांतरण को लेकर मचा बवाल खत्म सा हो चला तो अब शिक्षा के उजियारे से वंचित हिंदुओं के धर्मांतरण का बड़ा मामला सामने आया है। टूंडला के नगला तुलसी क्षेत्र धर्म सभा में बीस हिंदू महिलाओं को ईसाई बनाकर बाइबिल थमा दी गई। गांव में धर्मांतरण को लेकर आक्रोश है।

आगरा जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर गढ़ी संपत गांव की आबादी करीब 1800 है। यहां हिंदू धर्म की कई जाति के लोग रहते हैं। करीब एक साल से यहां ईसाई मिशनरियों की गतिविधियां बढ़ गईं। गांव के बीस परिवारों की महिलाएं बाइबिल पढऩे टूंडला के नगला तुलसी जाने लगीं। श्रीमती देवी का कहना है कि वे एक साल से प्रार्थना में जा रही थीं। वहां बच्चों की अच्छी शिक्षा और एक लाख रुपये देने की बात कही गई। क्षेत्र पंचायत सदस्य भूरी देवी नगला तुलसी में हर रविवार को जाती हैं। वहां चंगाई लगाना (प्रार्थना) सिखाया जाता है। महिलाएं अंध विश्वास में इस कदर फंसी हैं कि वे हर बीमारी का इलाज चिंगारी से करने का दावा करने लगी हैं।

वेद नगर नगर में धर्मांतरण का मामला प्रकाश में आने के बाद परिवार के लोगों को महिलाओं के धर्मांतरण का शक हुआ। तह तक जाने पर तस्वीर साफ हो गई। चाहे श्रीमती के पति रामप्रकाश हों, या भूरी देवी के पति वीरेंद्र सिंह सभी एक स्वर में धोखे में देकर धर्मांतरण की बात कह रहे हैं।

आज गांव पहुंची जागरण टीम के सामने इन्होंने कहा कि महिलाओं को अंधविश्वास और झांसे में फंसकर धर्मांतरण करा दिया गया। गांव में करीब बीस परिवारों की महिलाएं अब बाइबिल पढ़ रही हैं। घरवालों का कहना है कि ये सत्संग बताकर घर से निकलती थीं। पुरुषों को ईसाइयों की प्रार्थना सभा में जाने का पता घर में बाइबिल देखकर चला। उनका कहना है कि टूंडला के नगला तुलसी में सभा लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वे प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से शिकायत करने जा रहे हैं।

गढ़ी संपति में रहने वाली रामवती का मायका नगला तुलसी में है। दस साल पहले वह मायके गई थीं। सिर में दर्द हुआ तो भाई ने चिंगारी लगाकर दर्द ठीक करने की बात कही। इसी विश्वास में वह चली गई और बातों में आकर चिंगारी लगाने लगी। अंधविश्वास में ऐसी फंसी कि उसे लगता है कि वहां जाने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

ये महिलाएं पढ़ रही हैं बाइबिल रामवती पत्नी बनी सिंह, भूरी देवी पत्नी वीरेंद्र सिंह, श्रीमती पत्नी रामप्रकाश, विशना देवी पत्नी हाकिम सिंह, राकेश कुमारी पत्नी राजवीर सिंह, राम दुलारी पत्नी ज्वाला सिंह, कस्तूरी पत्नी चंद्रवती, सुनीता पत्नी निहाल सिंह। ग्रामीणों का कहना है कि धर्मांतरण कराने वालों को सबक सिखाएंगे। अब खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया है।

पांच यादव परिवारों की घर वापसी

धर्मांतरण की बयार के बीच मुरादाबाद के पांच परिवारों ने घर वापसी का फैसला लिया है। यादव जाति के यह परिवार ईसाई धर्म में आस्था रखते हुए चर्च जाने लगे थे। रविवार को यादव महासभा ने इन्हें समझाकर हिंदू धर्म की यादव जाति में ही रहने के लिए राजी किया। 24 दिसंबर को शुद्धिकरण यज्ञ किया जाएगा।

महानगर के बाला की सराय निवासी टेलर महेंद्र यादव, परचून दुकानदार राजेश यादव, नौकरी पेशा सिकंदर यादव, गांधी मार्ग के दिनेश यादव और कंजरी सराय निवासी परचून दुकानदार वेदप्रकाश ने अपने परिजनों के साथ तीन साल पहले ईसाई धर्म अपनाकर चर्च जाना शुरू कर दिया था। पखवाड़ा भर पूर्व से इनकी हिंदू धर्म में आस्था लाने के प्रयास शुरू किए गए। यादव महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष नरेश यादव ने रविवार को पांचों परिवारों के मुखिया से बात कर ईसाई धर्म छोडऩे को राजी किया। श्री यादव ने बताया कि 24 दिसंबर को यादव धर्मशाला में शुद्धि हवन किया जाएगा। सभी परिवारों ने स्वेच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की सहमति दी है। इन परिवारों में 21 सदस्य हैं। इनके घरों में श्री कृष्ण की मूर्ति भी रखवाई गई है।

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