Fire in Agra: सिंधी बाजार में 14 घंटे सुलगती रही आग, करोड़ों का सामान हुआ जलकर राख
आगरा में पुराने और व्यस्त घने बाजारों में आग से बचाव के लिए अग्निशमन विभाग द्वारा कोई स्पेशल आपरेशन प्लान एसओपी तैयार नहीं की गई है। जिससे कि आपात स्थिति में रिस्पांस टाइम काे कम किया जा सके। इन बाजारों में दमकल को किस रास्ते से जाना है? किन-किन स्थानों पर ओवरहैड टैंक में पानी की व्यवस्था है? ये जानकारी पहले से होनी चाहिए। इससे समस्या नहीं होती है।
जागरण संवाददाता, आगरा। सिंधी बाजार में रेडिमेड गारमेंट्स शोरूम में बुधवार शाम चार बजे एसी में शार्ट सर्किट से लगी भीषण आग 14 घंटे तक सुलगती रही। गुरुवार सुबह छह बजे तक कपडे, जूते और दवाइयाें की दुकानों से आग की लपटें रह-रहकर उठती रहीं। बाजार में डटी दमकलें उन्हें काबू करती रहीं।
गुरुवार सुबह साढ़े छह बजे दमकल फायर स्टेशन वापस लौटीं। भीषण आग में अपना सब कुछ गंवा चुके व्यापारी नुकसान का आंकलन करते रहे। बीच में परिवार और रिश्तेदारों के फोन आते रहे, व्यापारी बस यही बताते रहे कि आग ने उन्हें बर्बाद कर दिया है।
सिंधी बाजार में बुधवार शाम करीब चार बजे राज एंड संस रेडिमेड गारमेंट्स शोरूम में लगे एसी के आउटर में शार्ट सर्किट से लगी आग ने तीन मंजिला शोरूम समेत आसपास की दुकानाें को चपेट में ले लिया था। भीषण आग की चपेट में फड़-ठेल समेत 13 दुकान खाक हो गईं।
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इनमें करोडों का माल जल गया। फायर ब्रिगेड के अलावा सेना की दमकल भी मौके पर पहुंच गई थी। आग को कई घंटे प्रयास के बाद काबू कर लिया गया था। मगर, दुकानों में लगी आग पूरी तरह नहीं बुझ सकी थी।
सतर्कता के चलते चार दमकल को बाजार में तैनात कर दिया गया था। वैद्यनाथ की तीन मंजिला दुकान, राज एंड संस के तीन मंजिला शोरूम, रानीश्याम मेडिकल स्टोर और उसकी तीसरी मंजिल पर बने रेस्टोरेंट के अलावा खन्ना फुटकेयर में गुरुवार सुबह तक आग सुलगती रही। दमकल एक शोरूम में लगी आग को बुझाती तो दूसरी जगह से धुआं निकलने लगता। बुधवार शाम से गुरुवार सुबह तक यह सिलसिला जारी रहा।
अग्निकांड का शिकार हुए व्यापारी और उनके स्वजन भी रात में बाजार में डेरा डाले रहे। वह दुकानों के अंदर जाकर यह देखने का प्रयास करते रहे कि शायद कुछ आग में जलने से बच गया हो। बचा हुआ सामान निकालने का प्रयास करते रहे। सुरक्षा के चलते बाजार की बिजली काट दी गई थी। व्यापारी टार्च की रोशनी में दुकानों से जला हुआ माल निकालते में जुटे रहे। वह नुकसान का आंकलन करते रहे।
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आग बुझाने में खर्च हो गया तीन लाख लीटर पानी
अग्निमशमन विभाग के अनुमान के मुताबिक आग बुझाने में करीब तीन लाख लीटर पानी खर्च हो गया। दुकानों में ज्वलनशील वस्तुओं के होने के चलते आग बुझाने में पानी अधिक लगा।
बाजार का रास्ता बंद कर जेसीबी की मदद से हटाया मलबा
व्यापारियों ने पुलिस की मदद से बाजार के 100 मीटर का मार्ग दोनों ओर से तख्त आदि लगाकर बंद कर दिया था। जिससे कि दुकानाें राख हुआ माल बाहर निकाला जा सके। गुरुवार दोपहर 12 बजे नगर निगम की जेसीबी बाजार में पहुंची। उसने दुकानों के बाहर एकत्रित मलबा जेसीबी की मदद से ट्रैक्टर-ट्राली में भरा। करीब एक घंटे तक मलबा उठवाने का काम चला।इस दौरान व्यापारी मलबे में जरूरी चीजें खोजकर उन्हें अलग करते रहे।
दोपहर 12 बजे खुला बाजार
सिंधी बाजार का एक हिस्सा दोपहर 12 बजे खुल गया था। व्यापारी दुकानों को खोलकर ग्राहकाें के आने की प्रतीक्षा करते रहे। बाजार मे शाम तक सन्नाटा पसरा रहा। इसका कारण लोगों को अग्निकांड की जानकारी होना था।
ग्राहकों का सामान भी जलकर हुआ खाक
बुधवार शाम को बाजार में लगी भीषण आग में दर्जनों ग्राहकों का सामान भी जलकर खाक हो गया। यह ग्राहक खरीदारी के बाद सामान को दुकानों पर छोड़ गए थे। दुकानदाराें से लौटते में सामान ले जाने को कह गए थे। गुरुवार सुबह ग्राहक दुकानाें पर पहुंचे तो पता चला कि उनका सामान भी खाक हो गया है।
कई दुकानों में पानी से सामान हुआ खराब
उत्तमचंद अशोक कुमार की साड़ियों की दुकान है। आग लगने के दौरान उन्होंने दुकान का शटर गिरा दिया था। गुरुवार सुबह आकर दुकान खोली तो देखा अधिकांश सा़ड़ियां पानी में भीग गई थीं। दमकल द्वारा आग बुझाने के दौरान कई दुकानों में पानी भर गया था। जिससे वहां रखा माल खराब हो गया।
पीड़ित व्यापारी बोले
अशोक नगर लोहामंडी के रहने वाले सैयद मोहसिनन अली की बैद्यनाथ फार्मेसी के नाम से 20 वर्ष पुरानी तीन मंजिला दुकान है। मोहसिन ने बताया आग से करीब डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, रानीश्याम मेडिकल स्टोर की मालिक रानी गुप्ता ने बताया कि फरवरी 2023 में खोली थी। आग में उनका करीब 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
इसी तरह उपहार फुटवियर के मालिक असलम का 12 लाख रुपये का नुकसान, खन्ना फुटकेयर के करना का ढाई लाख रुपये, पिंकी कलेक्शन के निहालचंद मूलचंंदानी का ढाई लाख रुपये का, बंटी हैंडलूम वाले कई लाख का, मोहम्मद जफर का करीब दो लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा आग की चपेट में आई अन्य दुकानों को भी नुकसान हुआ।
कारण: तारों में ओवरलोड के चलते हो रहा शार्ट सर्किट
सेवानिवृत्त मुख्य अग्निमशमन अधिकारी शिवदत्त शर्मा कहते हैं कि बिजली के तारों पर ओवरलोडिंग शार्ट सर्किट का कारण बन रही है। एक किलोवाट क्षमता वाले तारों पर व्यापारी लगातार एसी समेत अन्य उपकरण लगा कर लोड बढ़ाते जा रहे हैं। तारों पर लोड बढ़ने से वह हीट होकर शार्ट सर्किट हो जाते हैं।
सुझाव
इलेक्ट्रिक सेफ्टी आडिट कराके बचा जा सकता है
अग्निशमन अधिकारी साेमदत्त सोनकर सुझाव देते हैं कि शार्ट सर्किट के चलते लगने वाली आग से इलेक्ट्रिक सेफ्टी आडिट कराके बचा जा सकता है। विद्युत विभाग द्वारा आडिट करके यह बताया जाता है कि दुकान या मकान में लगे उपकरणों के अनुसार तारों पर कितना लोड दिया जा सकता है, इसके किए कितनी क्षमता वाले तार की लाइन होनी चाहिए। इसके अलावा फायर अलार्म उपकरण भी लगाने चाहिए, जिससे कि समय रहते सचेत हुआ जा सके।
पुराने घने बाजारों के लिए नहीं है कोई एसओपी
शहर के पुराने और व्यस्त घने बाजारों में आग से बचाव के लिए अग्निशमन विभाग द्वारा कोई स्पेशल आपरेशन प्लान एसओपी तैयार नहीं की गई है। जिससे कि आपात स्थिति में रिस्पांस टाइम काे कम किया जा सके। आग लगने की स्थिति में इन बाजारों में दमकल को किस रास्ते से जाना है?
किन-किन स्थानों पर ओवरहैड टैंक में पानी की व्यवस्था है? समेत कई चीजों की पहले से जानकारी होने पर आग काे बुझाने में समस्या नहीं आती। पिछले सप्ताह मानपाड़ा में एक गोदाम में आग लगी थी। वहां पर तीन फीट की संकरी गली तक पहुंचने के लिए दमकल कर्मियों को कई तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ा था।