यूपी के इस हाईवे को पार करने में बच्चों और बुजुर्गों के कांपते हैं पैर, जरा सी गलती पर सीधा मौत से होगा सामना
हाथीपुर मोड़ के पास हुए हादसे के बाद दैनिक जागरण ने महाराजपुर में रूमा से लेकर पुरवामीर तक हाईवे की पड़ताल की तो यहां एक नहीं कई ऐसे मोड़ व स्थान मिले जहां लोग पैदल एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए फर्राटा भर रहे वाहनों के बीच जिंदगी दांव पर लगाकर निकलते हैं। इन्ही खतरों भरी डगर में हाथीपुर के बाद दूसरा है सलेमपुर मोड़।
संवाद सूत्र, महाराजपुर। महाराजपुर में हाथीपुर की तरह सलेमपुर मोड़ भी खतरों भरा है। छह गांव, बालाजी मंदिर, स्कूल-कालेज व निजी अस्पताल आने जाने वाले यात्रियों की जान हर समय खतरे में रहती है कि कब तेज रफ्तार वाहन उन्हें कुचलते हुए गुजर जाए।
हाथीपुर मोड़ के पास हुए हादसे के बाद दैनिक जागरण ने महाराजपुर में रूमा से लेकर पुरवामीर तक हाईवे की पड़ताल की तो यहां एक नहीं कई ऐसे मोड़ व स्थान मिले जहां लोग पैदल एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए फर्राटा भर रहे वाहनों के बीच जिंदगी दांव पर लगाकर निकलते हैं। इन्ही खतरों भरी डगर में हाथीपुर के बाद दूसरा है सलेमपुर मोड़।
यहां पर बिल्कुल बगल में एक्सिस कालेज, ठीक सामने आचार्य रघुवीर इण्टर कालेज, वहीं पर आनलाइन परीक्षा केंद्र और इसी से जुड़ा सरस्वती बीएड कालेज है। सलेमपुर गांव की तरफ से बालाजी मंदिर जाने का रास्ता है। मंदिर से आगे सलेमपुर, सुबंशीखेड़ा, बैजाखेड़ा, लालूखेड़ा व चांदनपुर गांव हैं। यहीं पर ओम सरस्वती इण्टर कालेज व एक निजी अस्पताल है।
दूसरी तरफ गंगागंज-सुभौली आदि गांव हैं। यहां से जुड़े हजारों लोग व छात्र-छात्राएं प्रतिदिन खतरों से जूझकर हाईवे पार करते हैं। जरा सी गलती होने पर लोग दुर्घटनाओं का शिकार होकर जान गंवा देते हैं। गुरुवार दोपहर लोग सलेमपुर मोड़ के सामने हाईवे पार कर रहे थे। तभी गंगागंज निवासी वृद्धा विमला दवा लेने के लिए उस पार जाना चाह रही थीं।
वो फतेहपुर से कानपुर लेन पार करने के लिए सड़क पर आधी दूर ही पहुंची थीं कि सामने से तेज रफ्तार कार आती दिखी। तेजी से कार नजदीक आती देख वो हड़बड़ा कर लड़खड़ा गईं। बगल में सवारियों का इंतजार कर रहे रामादेवी निवासी आटो चालक अनिल ने उनको डगमगाते देख सहारा दिया और फिर उनकी मदद कर उनको हाईवे की दोनों लेन पार कराई। यहां जरा सी गलती हो जाती तो मौत सामने थी।
फुट ओवरब्रिज पास फिर भी अनदेखी
कमोबेश यही स्थिति गुजैनी के पास भी है। हालांकि वहां फुटओवर ब्रिज है लेकिन लोग उसका इस्तेमाल कम ही करते हैं। इसके अलावा बर्रा में लोग डिवाइडर पार करने के लिए ईंट रखकर जुगाड़ करते हैं और हादसे का हर पल खतरा बना रहता है।
लोगों से बात
सलेमपुर मोड़ के ठीक सामने इण्टर कालेज है। दोनों तरफ से छोटे-छोटे बच्चे स्कूल आते व जाते समय हाईवे पार करते हैं। सुरक्षा का कोई उचित प्रबंध न होने के चलते हर पल खतरा बना रहता है। - गिरिजेश नारायण त्रिपाठी , प्रधानाचार्य इंटर कालेज
बालाजी मंदिर प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु सवारियों से आते हैं। जिसके चलते उनको मंदिर आते-जाते समय सलेमपुर मोड़ के सामने पैदल हाईवे पार करना पड़ता है। छोटे बच्चे भी साथ होते हैं। जान हथेली पर रखकर भक्त भगवान से मिलने पहुंच पाते हैं। सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए। - पंकज मिश्रा, व्यवस्थापक बालाजी मंदिर सलेमपुर
यहां हर पल जिंदगी खतरों से खेलती है। पैदल उपरिगामी पुल या अंडर पास बनना चाहिए। ताकि स्कूल-कालेज आने-जाने वाले छात्र-छात्राएं बिना डरे-सहमे हाईवे पार कर सकें। - अरुण अवस्थी, अध्यापक
कई गांवों के लोग हाईवे पार कर यहां से पैदल आवागमन करते हैं। हाईवे पर कुछ भी ऐसा नहीं है जिससे कि मोड़ के सामने वाहनों की रफ्तार नियंत्रित हो सके या लोग सुरक्षित निकल सकें। हर पल हादसों का खतरा रहता है। लोगों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। - जितेंद्र प्रताप सिंह, वकील
गडकरी जी , हाईवे के ब्लैक स्पाट से लोगों के जीवन की करें सुरक्षा
थीपुर मोड़ पर मंगलवार शाम हाईवे पार कर रही चार महिलाओं की हादसे में मौत के बाद दैनिक जागरण ने गुरुवार को ‘महाराजपुर में मौत का सबब बने हाईवे के ब्लैक स्पाट’ शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। शहर के उद्यमी अतुल सेठ ने इंटरनेट मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर खबर के आधार पर केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। वहीं महाराजपुर इंस्पेक्टर ने भी हाथीपुर से महाराजपुर ओवरब्रिज तक हाईवे किनारे बैरिकेडिंग व जाली लगवाने को डीएम व पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है।