यूपी में सरकारी नौकरी में विधवा-तलाकशुदा की उम्र सीमा खत्म

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधवा, तलाकशुदा महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में उम्र की अधिकतम सीमा खत्म करने का फैसला लिया है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Thu, 27 Oct 2016 11:01 PM (IST) Updated:Fri, 28 Oct 2016 05:25 PM (IST)
यूपी में सरकारी नौकरी में विधवा-तलाकशुदा की उम्र सीमा खत्म

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधवा, तलाकशुदा महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में उम्र की अधिकतम सीमा खत्म करने का फैसला लिया है। ऐसी महिलाएं सेवानिवृत होने की उम्र से पूर्व नौकरी का आवेदन कर सकेंगी। मुख्यमंत्री ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब देश में तीन तलाक को लेकर बहस चल रही है।

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लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि एसी विधवा व तलाकशुदा महिलाएं जो पारिवारिक या अन्य किन्ही कारणों से नौकरी में भर्ती की उम्र सीमा पार कर चुकी हैं और सरकारी नौकरी में आना चाहती हैं। उनकी जरूरतों व दिक्कतों को ध्यान में रहते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि आबादी का आधा हिस्सा महिलाएं हैं। इनकी तरक्की के बगैर किसी भी देश व समाज की खुशहाली संभव नहीं है। जब तक महिलाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं के साथ-साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल नहीं होती, तब तक कोई भी प्रदेश, समाज व देश प्रगति नहीं कर सकता।

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अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने महिलाओं के उत्थान और कल्याण के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य किये हैं। जिस किसी भी क्षेत्र में महिलाओं व बालिकाओं ने बेहतर कार्य किया है, उन्हें सरकार ने सम्मान दिया है। महिलाओं की उत्पीडऩ रोकने के लिए 1090 विमेन पावर लाइन चलायी जा रही है। अब यूपी-100 पुलिस सेवा में बड़े पैमाने पर महिलाओं का चयन किया जा रहा है। रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केंद्रों की स्थापना की गई है। एसिड अटैक से पीडि़त महिलाओं का जिक्र भी किया। कहा कि कुपोषण की दर में कमी लाने के लिये उत्तर प्रदेश में पोषण मिशन की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री ने विधवा, तलाकशुदा के लिए सरकारी नौकरी में अधिकतम उम्र की सीमा खत्म होने का फैसला ऐसे समय में लिया है जब तीन तलाश को लेकर देश में बहस चल रही है और उसे सियासी चश्मे से भी देखा जा रहा है। ऐसे समय में इस फैसले को चुनाव दांव के रूप में भी देखा जा रहा है।

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दयाशंकर को आमंत्रण

बसपा मुखिया मायावती पर टिप्पणी के चलते भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह के एक जुमले पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा भाजपा दूसरे दलों को तोडऩे का प्रयास कर रही है, सिंह चाहें तो समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्र्रहण कर लें। कहा कि भाजपा विकास के रास्ते पर नहीं चल रही है, दयाशंकर चाहें तो यहीं सपा की सदस्यता ले सकते हैं।

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