पायलट सहेलिया..मिशन बेटियों की उड़ान

निशात यादव लखनऊ वायुसेना से सेवानिवृत्त होते ही तीन पायलट सहेलिया मिशन बेटियों की उड़ान पर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 12:13 AM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 12:13 AM (IST)
पायलट सहेलिया..मिशन बेटियों की उड़ान
पायलट सहेलिया..मिशन बेटियों की उड़ान

निशात यादव, लखनऊ:

वायुसेना से सेवानिवृत्त होते ही तीन पायलट सहेलिया मिशन बेटियों की उड़ान पर जुट गई हैं। उन्होंने अति पिछड़े ग्रामीण इलाकों की प्रतिभावान बेटियों के सपने को संबल देने की योजना बनाई है। तीनों मिलकर ऐसी बेटियों को सैन्य अफसर बनने का प्रशिक्षण देंगीं, फिलहाल कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण सब ऑनलाइन चल रहा है।

वायुसेना में अपने शौर्य का परचम लहराने वाली ये बेटिया स्क्वाड्रन लीडर विदुला अभ्यंकर, अदिति भंगावकर और सुप्रिया चित्रे हैं। इनमें से अदिति भंगावकर ने 19 जून 2004 में वायुसेना में कमीशड पाने वाली इस अफसर ने वर्ष 2012 में वायुसेना के ट्रासपोर्टर एयरक्राफ्ट एएन-32 के एक पहिया न खुलने पर भी सुरक्षित लैंडिंग कराई थी। इन पायलटों ने एक सर्वे किया था, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों का इंटरव्यू लिया गया। इसमें पाया गया कि गाव की बेटियों का सपना तो अफसर बनने का है, वो इसकी योग्यता भी रखती हैं, लेकिन एसएसबी के बारे में जानती भी नहीं हैं। फरवरी में बेटियों को सेना में स्थायी कमीशड देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तीनों महिला पायलटों ने मिलकर गाव की बेटियों की तैयारिया निश्शुल्क कराने का निर्णय लिया। तीनों ने यूपी, बिहार और झारखंड के गावों में संपर्क साधा है। इन प्रदेशों से अब तक 100 बेटियों ने एसएसबी की तैयारी के आवेदन भेजे हैं। पहले बैच के लिए 54 का चयन किया जा रहा है। ऐसे कराएंगी तैयारी

बालिकाओं के लिए सेना की लीगल, एजुकेशन, सप्लाई, इंटेलिजेंस जैसी विंग के अलावा नेवी में एविएशन व टेक्निकल और वायुसेना में ग्राउंड ड्यूटी, टेक्निकल व नॉन टेक्निकल सहित कई ट्रेड में अफसर बनने के अवसर होते हैं। उनको नौसेना, वायुसेना और थलसेना के एसएसबी सेंटरों पर पाच दिन कठिन परीक्षा से गुजरना होता है। जहा उनका मनोवैज्ञानिक टेस्ट, ग्रुप टास्क टेस्ट और साक्षात्कार होते हैं। तीनों पायलट बेटियों को इन सबके लिए तैयार करेंगी। आगे के बैच में पंजीकरण के लिए बेटिया इंस्टाग्राम अकाउंट @ह्वस्त्रड्डड्डठ्ठद्घश्रह्वठ्ठस्त्र पर आवेदन कर सकती हैं।

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कोट

ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों का सेनाओं में प्रतिनिधित्व बढ़े इसके लिए हम तीन सहेलियों ने मिशन उड़ान की शुरुआत की है। कोरोना के बाद ऑफलाइन प्रशिक्षण भी शुरू होगा। आगे शहर की बेटियों को भी इससे जोड़ने की योजना है।

विदुला अभ्यंकर, स्क्वाड्रन लीडर (सेवानिवृत्त)

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