पीजीआइ में शुरू हुआ 60 बेड का ट्रॉमा सेंटर, उपेक्षित मरीजों को निश्शुल्क मिलेगा इलाज

पीजीआइ एपेक्स ट्रॉमा सेंटर का चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने किया लोकार्पण। प्रदेश के दूसरे ट्रॉमा सेंटर को यहा मिलेगी ट्रेनिंग।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Aug 2018 10:39 AM (IST) Updated:Wed, 01 Aug 2018 10:55 AM (IST)
पीजीआइ में शुरू हुआ 60 बेड का ट्रॉमा सेंटर, उपेक्षित मरीजों को निश्शुल्क मिलेगा इलाज
पीजीआइ में शुरू हुआ 60 बेड का ट्रॉमा सेंटर, उपेक्षित मरीजों को निश्शुल्क मिलेगा इलाज

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। पीजीआइ एपेक्स ट्रॉमा सेंटर का मंगलवार को लोकार्पण किया गया। यह ट्रामा सेंटर शुरू होने से गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने ट्रॉमा सेंटर का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि केवल पत्थर लगाने से इलाज नहीं होता है। ट्रॉमा सेंटर वर्ष 2014 में बन कर तैयार हो गया था। दो साल बाद 2016 में पूर्व सरकार ने पत्थर लगा कर लोकार्पण कर दिया। इलाज के लिए 10 बेड केजीएमयू से मंगवा कर डाल दिए गए। लेकिन इलाज के नाम पर मरीजों को मेडिकल कालेज रेफर किया जाता रहा। कहा कि इस स्थिति को देखा तो बड़ा कष्ट हुआ। हमारी योजना है कि कोई भी काम करो तो पूरी तरह करो। इसी लक्ष्य पर चलते हुए दोबारा ट्रॉमा सेंटर पीजीआइ को सौंपने का प्रस्ताव रखा। संस्थान के निदेशक हालाकि इसे लेना नहीं चाह रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री के कहने पर वह तैयार हुए। इसी का परिणाम है कि आज आठ साल बाद 60 बेड के साथ ट्रॉमा सेंटर शुरू हो पाया। अच्छे काम से अच्छा बनता है संस्थान:

मुख्यसचिव एवं संस्थान के अध्यक्ष अनूप चंद्र पाडेय ने कहा कि अच्छे भवन से कोई अच्छा संस्थान नहीं बनता है। वहा पर काम करने वाले लोगों से बनता है। पीजीआइ के संकाय सदस्य, पैरा मेडिकल स्टाफ सहित अन्य ने अपने काम से कम उम्र में बड़ा मुकाम दिलाया है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे ने कहा कि मनोयोग से काम होता है यह पीजीआइ ने कर दिखाया। 210 बेड का होगा ट्रॉमा सेंटर:

संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश कपूर ने कहा कि हमने सोचा नही था कि इतने कम समय में इसे संचालित कर पाएंगे लेकिन संस्थान की टीम ने इसे कर दिखाया। वर्ष 2019 के अंत तक 210 बेड तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इमरजेंसी मेडिसिन विभाग खुलने के बाद मरीजों को इमरजेंसी से वापस नहीं जाना पड़ेगा। आर्गन ट्रासप्लाट सेंटर बनने के बाद रोज दो से तीन किडनी ट्रासप्लाट संभव होगा अभी एक साल की वेटिंग है। सीएमएस एवं ट्रामा सेंटर के प्रभारी प्रो.अमित अग्रवाल, प्रो. एसके अग्रवाल ने कहा कि 24 घटे सेवाएं दी जाएंगी। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारी भरत सिंह ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा क्योंकि यहा पर झगड़े की पूरी आशका है। लोकार्पण से पहले सर्व-धर्म पूजा हुई, जिसमें कामना की गई कि लोग दुर्घटना के शिकार न हों।

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