World Bicycle Day 2020: सेहत की सवारी बन गई साइकिल, इन बीमारियों से रखे दूर; शरीर भी रहे चुस्त
World Bicycle Day 2020 शहर में हैं ढाई लाख रुपये तक की साइकिलें। साइकिल से होती है शरीर की पूरी एक्सरसाइज।
लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। World Bicycle Day 2020: साइकिल की चर्चा बचपन की तरफ खींच ले जाती है। घंटा-आधा घंटा किराए पर साइकिल। कभी गिरे तो कभी चोट भी खा गए लेकिन साइकिल चलाने का एक अलग ही जुनून था। थोड़ा बड़े हुए तो बड़ी साइकिल को पकड़ा और कैंची चलाने लगे। कोई रिश्तेदार घर आया और उसकी साइकिल लेकर फुर्र हो गए। समय के साथ साइकिल कुछ लोगों तक ही सीमित हो गई थी, लेकिन अब हालात फिर बदल गए हैं। अब सफर और शौक के लिए बल्कि सेहत के लिए साइकिल जिंदगी का हिस्सा बन गई है। सड़कों पर आम ही नहीं खास भी साइकिल पर दौड़ते नजर आ रहे हैं। सेहत के प्रति फिक्रमंद हैं तो सुबह का वक्त साइकिल संग बिता रहे हैं। यही कारण है कि ढाई लाख कीमत तक की साइकिलें आ रही हैं।
साइकिल के पांच क्लब
लॉकडाउन का थोड़ा असर है, वरना सौ लोगों का ग्रुप सुबह एक साथ साइकिल पर सफर करने निकलता है। सामान्य दिनों में यह सफर 40 से 50 किलोमीटर तक का होता है तो अवकाश के दिनों में सौ से डेढ़ सौ किलोमीटर तक का होता है। सौ सदस्यीय साइकिल ग्रुप के लीडर एसके वर्मा कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद ग्रुप कोई कई टुकड़े में बांट दिया गया है। जो अलग-अलग दिशा में जाते हैं, पहले सभी एक साथ रहते थे। इंदिरानगर निवासी राजीव अरोरा का तो पूरा परिवार साइकिल चलाता है। बेटे अर्श के साथ तो वह उसकी टीम को लेकर सुबह निकल जाते हैं।
शहर में हैं ढाई लाख रुपये तक की साइकिलें
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साइकिल चलाने से कम हो सकती है इंसुलिन की डोज
लोहिया संस्थान (मेडिसिन विभाग) के डॉ.शोभित के मुताबिक , साइकिल चलाने से शुगर व बीपी नियंत्रित तो रहता ही है, साथ ही नियमित साइकिल चलाने पर इंसुलिन की डोज भी कम हो सकती है। अर्थराइटिस से जुड़ी दिक्कतें नहीं बढ़ने पातीं। हड्डी रोगों में आराम मिलता है। मांसपेशियां व हड्डियों के जोड़ भी मजबूत होते हैं। इससे तनाव भी कम होता है। हृदय व दिमाग स्वस्थ होता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को यह नियमित रखता है।
साइकिल से होती है शरीर की पूरी एक्सरसाइज
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे का कहना है कि साइकिल चलाने से पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है। फिटनेस अच्छी रहती है। इसके साथ ही शुगर व बीपी की बीमारी नहीं रहती। यह शरीर से फैट को भी कम करता है। हाथ पैरों से लेकर आंत व हृदय की पूरी एक्सरसाइज इसके जरिये होती है। साइकिल चलाने से गठिया रोग भी नहीं होता है। घुटने लंबी उम्र तक खराब नहीं होते। पैदल चलने-फिरने में भी दिक्कत नहीं होती।
गांवों में खूब बिकती साइकिल
सामान्य किस्म की साइकिल के व्यवसाय से जुड़े नवीन अरोरा बताते हैं कि शहर में दो सौ दुकानें होंगी। पांच से दस साइकिल हर दिन बिकती है, हालांकि साइकिल बिकने का सीजन खत्म हो गया है। ग्रामीण इलाकों में खूब साइकिल बिकती है। वहां से साइकिल खरीदने लोग शहर आते हैं। गांवों में शादी में साइकिल देने की परम्परा है।