JEE-NEET: अखिलेश यादव जेईई और नीट परीक्षा कराने के खिलाफ,बोले-जान के बदले एग्जाम नहीं चलेगा

JEE-NEET Exam कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच में अखिलेश यादव ने इन परीक्षाओं को न कराने को लेकर छात्रों व अभिभावकों के समर्थन में पत्र लिखा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 27 Aug 2020 01:23 PM (IST) Updated:Thu, 27 Aug 2020 02:06 PM (IST)
JEE-NEET: अखिलेश यादव जेईई और नीट परीक्षा कराने के खिलाफ,बोले-जान के बदले एग्जाम नहीं चलेगा
JEE-NEET: अखिलेश यादव जेईई और नीट परीक्षा कराने के खिलाफ,बोले-जान के बदले एग्जाम नहीं चलेगा

लखनऊ, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद केंद्र सरकार 13 सितंबर को जेईई-नीट प्रदेश परीक्षा का आयोजन करने की तैयारी में हैं। इस परीक्षा के आयोजन को लेकर कई विपक्षी दलों के साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी खिलाफ हैं।

अखिलेश यादव ने इसको लेकर भाजपा को एक खुला पत्र भी लिखा है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच में अखिलेश यादव ने इन परीक्षाओं को न कराने को लेकर छात्रों व अभिभावकों के समर्थन में पत्र लिखा है। अखिलेश यादव ने कहा है कि जान के बदले एग्जाम, नहीं चलेगा नहीं चलेगा। जेईई और नीट परीक्षा को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को खुला पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि अगर परीक्षा कराई जाती है तो छात्रों के आने जाने, रहने और खाने पीने की व्यवस्था कराई जानी चाहिए। इसके साथ ही साथ परीक्षा केंद्रों पर कैबिनेट मंत्री, सांसद व विधायक तैनात करें क्योंकि वहां तो कोई भी नियम-कानून नहीं होगा।

अखिलेश यादव ने सवाल किया है कि अगर किसी छात्र को संक्रमण हो गया तो उसकी कीमत क्या सरकार चुकाएगी। अखिलेश यादव ने नारा दिया है कि 'जान के बदले एक्जाम, नहीं चलेगा, नहीं चलेगा'। परीक्षार्थियों के समर्थन में खुलकर सामने आए अखिलेश ने परीक्षाओं व भाजपा के खिलाफ खुला पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से यह तर्कहीन व हास्यास्पद बात फैलाई जा रही है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए घरों से निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते हैं।

भाजपा सत्ता के मद में यह भूल गई कि लोग मजबूरी में ही घर से बाहर निकल रहे हैं। परीक्षा कराकर आप युवाओं को घरों से निकलने को मजबूर कर रहे हैं। कोरोना व बाढ़ में जब बस व ट्रेन बाधित हैं तो बच्चे दूर-दूर से कैसे आएंगे। अखिलेश यादव ने पत्र में लिखा कि ऐसा लगता है कि भाजपा यह समझ चुकी है कि बेरोजगारी से जूझ रहा युवा तथा कोरोना व बाढ़ से पीडि़त गरीब, निम्न व मध्य वर्ग अब कभी उसे वोट नहीं देगा। इसी कारण वह देश के युवा व अभिभावकों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है। हमको तो लगता है कि भाजपा को सिर्फ वोट देने वालों से मतलब है। नकारात्मक, हठधर्मी व बदले की राजनीति करने वाली भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के खिलाफ देश में एक नई युवा क्रांति जन्म ले रही है।

इससे पहले कांग्रेस के नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के साथ ही दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कोरोना संकट में परीक्षा के आयोजन पर विरोध किया। यह सभी कोरोना वायरस संकट में परीक्षा न होने के पक्ष में हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, आज हमारे लाखों छात्र सरकार से कुछ कह रहे हैं। जेईई व नीट परीक्षा के बारे में उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सरकार को एक सार्थक हल निकालना चाहिए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट में लिखा, कोरोना को लेकर देश में परिस्थितियां अभी सामान्य नहीं हुई हैं। ऐसे में अगर परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों ने कुछ चिंता जाहिर की हैं तो केंद्र सरकार व टेस्ट कराने वाली संस्थाओं को उस पर सही से सोच विचार करना चाहिए।

प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर इसे सत्याग्रह अभियान का नाम दिया है। दिल्ली के डिप्टी सीएम तथा शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार परीक्षा के नाम पर लाखों छात्रों की जिंदगी से खेल रही है। मेरी केंद्र से विनती है कि पूरे देश में दोनों परीक्षाएं तुरंत रद्द करें और इस साल एडमिशन की वैकल्पिक व्यवस्था करे। अभूतपूर्व संकट के इस समय में अभूतपूर्व कदम से ही समाधान निकलेगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी इन परीक्षाओं का आयोजन कर रही है। उन्होंने यह कहते हुए परीक्षा को स्थगित करने से मना कर दिया है कि यह अगले साल के शैक्षणिक कैलेंडर को प्रभावित करेगा। 

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