Fight Against CoronaVirus : पहले खुद जीती जंग, अब दूसरों की जिंदगी बचाने उतरे

Fight Against CoronaVirus केजीएमयू में प्लाज्मा दान करने पहुंचे कोरोना से ठीक हो चुके मरीज।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 26 Apr 2020 11:39 AM (IST) Updated:Mon, 27 Apr 2020 08:22 AM (IST)
Fight Against CoronaVirus : पहले खुद जीती जंग, अब दूसरों की जिंदगी बचाने उतरे
Fight Against CoronaVirus : पहले खुद जीती जंग, अब दूसरों की जिंदगी बचाने उतरे

लखनऊ, जेएनएन। Fight Against CoronaVirus : कोरोना से उबर चुके मरीज एकदम स्वस्थ हैं। उनकी सभी जांचें सामान्य आई हैं। बीमारी से जंग जीत चुके इन योद्धाओं में अब दूसरों की जिंदगी बचाने का जुनून है। इसलिए दूर-दराज से भी प्लाज्मा दान करने के लिए सर्वाइवर केजीएमयू पहुंच रहे हैं।

दैनिक जागरण ने 27 मार्च के अंक में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना के इलाज को लेकर सबसे पहले खबर ब्रेक की। देश के चिकित्सा विज्ञानियों में महामारी से मुकाबले के लिए यह विधि नई उम्मीद बनकर उभरी। इसके बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने भी इसे हरी झंडी दे दी। 

केजीएमयू के पल्मोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश ने ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा संग मिलकर 'कनवेलिसेंट प्लाज्मा' विधि से उपचार करने का प्रस्ताव बनाकर भेजा था। इसके बाद अन्य राज्यों में भी पहल शुरू हुई। 

ठीक हो चुके मरीजों के प्लाज्मा में एंटीबॉडी

डॉ. तूलिका चंद्रा के मुताबिक लखीमपुर निवासी उमाशंकर पांडेय का इलाज केजीएमयू में चला। उनसे संपर्क किया गया, वह प्लाज्मा देने शनिवार को केजीएमयू आए। ऐसे ही संस्थान के रेजीडेंट डॉ. तौसीफ खान भी प्लाज्मा डोनेट के लिए आगे गए। सभी का कोरोना टेस्ट दोबारा कराया गया। इसके अलावा हेपेटाइटिस, एचआइवी समेत सभी जांच कराई गईं। रिपोर्ट सही मिलने पर प्लाज्मा निकालकर स्टोर कर लिया गया। रैपिड बेस्ड एंटीबॉडी किट से प्लाज्मा में उपलब्ध एंटीबॉडी की पुष्टि कर ली गई। वहीं, एंटीबॉडी कितनी मात्रा में है, यह टाइटर किट आने पर ही पता चलेगा। केजीएमयू में प्लाज्मा दान के दौरान कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट और डॉ डी हिमांशु मौजूद थे। 

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