उत्तर प्रदेश पर बुखार का हमला, शासन ने जारी किया अलर्ट

पूरे प्रदेश पर बुखार ने अलग-अलग रूपों में हमला कर दिया है। इस बाबत अलर्ट जारी कर झूठे व लापरवाह सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Thu, 25 Aug 2016 07:42 PM (IST) Updated:Thu, 25 Aug 2016 08:37 PM (IST)
उत्तर प्रदेश पर बुखार का हमला, शासन ने जारी किया अलर्ट

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। पूरे प्रदेश पर बुखार ने अलग-अलग रूपों में हमला कर दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) द्वारा जानकारियां छिपाने से शासन और परेशान है। इस बाबत अलर्ट जारी कर झूठे व लापरवाह सीएमओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है।

पढ़े-हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए घातक डेंगू

पूरे प्रदेश में बुखार के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बुखार के मरीजों का इलाज तो दूर, उनका पूरा ब्योरा भी सही रूप से संकलित नहीं कर रहे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार व इंसेफेलाइटिस का कहर तेज हो गया है। हालात ये हैं कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में बेड कम पडऩे लगे हैं। मध्य उत्तर प्रदेश में डेंगू तेजी से पांव पसार रहा है। केवल लखनऊ में ही 40 से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं। इसी तरह कानपुर से दो दर्जन से अधिक मरीजों का पता चला है। सीतापुर व आसपास के जनपदों में भी रोज डेंगू के नए मरीज सामने आ रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विचित्र बुखार कहर बनकर टूट रहा है। नोएडा के तो एक ही गांव में 15 दिन में 12 लोगों की जान जा चुकी है। इन मरीजों की जांच में मरीज को डेंगू जैसे लक्षणों के बावजूद डेंगू की पुष्टि नहीं होती।

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बुखार के मरीज लगातार बढऩे के बावजूद स्वास्थ्य विभाग इस बाबत गंभीर नहीं है। प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अरुण सिन्हा ने इस बाबत समीक्षा की तो सीएमओ के स्तर पर तमाम गड़बडिय़ां सामने आयीं। पता चला कि सीएमओ ने न तो जिला स्तर पर पर्याप्त तैयारियां की थीं, न ही सही जानकारियां दे रहे थे। नोएडा में हो रही मौतों के बारे में तो सीएमओ तक को पता नहीं था। इस पर प्रमुख सचिव ने जिलाधिकारी को मामले की जांच के निर्देश दिया। साथ ही बुखार को लेकर एलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी सीएमओ से डेंगू व बुखार के अन्य संक्रामक स्वरूपों की रोकथाम व इलाज के लिए हर अस्पताल में विशेष प्रबंध करने को कहा गया है। बुखार से प्रभावित कोई मरीज अस्पताल से बिना इलाज के वापस नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा आशा व ग्र्राम स्तर पर तैनात स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से बुखार के मरीजों की पहचान कराने और उनका इलाज तुरंत शुरू कराने को भी कहा गया है।

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