इस्लामिया स्कूल मामले में निदेशक बेसिक शिक्षा अल्पसंख्यक आयोग में तलब

कई जिलों के प्राथमिक विद्यालयों में इस्लामिया नाम जोडऩे के मामले का उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने संज्ञान लिया है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 25 Jul 2018 09:22 PM (IST) Updated:Thu, 26 Jul 2018 03:55 PM (IST)
इस्लामिया स्कूल मामले में निदेशक बेसिक शिक्षा अल्पसंख्यक आयोग में तलब
इस्लामिया स्कूल मामले में निदेशक बेसिक शिक्षा अल्पसंख्यक आयोग में तलब

लखनऊ (जेएनएन)। कई जिलों के प्राथमिक विद्यालयों में इस्लामिया नाम जोडऩे के मामले का उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के चेयरमैन तनवीर हैदर उस्मानी ने दैनिक जागरण की खबर का स्वत: संज्ञान लेते हुए निदेशक बेसिक शिक्षा परिषद को तलब किया है। उन्होंने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

देवरिया, गोरखपुर, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, सुलतानपुर, फैजाबाद, श्रावस्ती सहित कई जिलों में प्राथमिक विद्यालयों ने अपने नाम के साथ इस्लामिया शब्द जोड़ लिया है। इन्होंने अपने साप्ताहिक अवकाश भी रविवार के बजाय शुक्रवार कर लिए हैं। सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में इस्लामिया नाम किसके आदेश से जोड़ा गया इसकी कोई जानकारी नहीं दे रहा है। यह विद्यालय अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों में स्थित हैं।

दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसी खबर का संज्ञान लेते हुए अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी ने निदेशक बेसिक शिक्षा से इसका विस्तृत ब्योरा मांगा है। उन्होंने पूछा कि प्रदेश में ऐसे कितने प्रकरण चल रहे हैं। इस मामले में आरोपितों पर अब तक विभाग ने क्या कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि इस मामले के सारे पहलुओं के साथ विस्तृत रिपोर्ट आयोग के समक्ष पेश की जाए।  

सरकारी स्कूलों में मदरसे चलाना अवैध

तनवीर हैदर उस्मानी ने कहा कि सरकारी स्कूलों में मदरसा चलाना पूरी तरह अवैध है। यह किसके आदेश से संचालित हो रहे हैं इसका पता किया जाना जरूरी है। मदरसों के लिए प्रदेश सरकार ने एक अलग बोर्ड बना रखा है। बेसिक स्कूलों में इन्हें संचालित नहीं किया जा सकता है। 

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