द‍िल्‍ली के सीएम केजरीवाल और कुमार विश्वास की पेशी पांच को, अमेठी में दर्ज है एफआइआर

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के विरुद्ध चल रहे मामले में कार्यवाही के लिए पेशी तिथि चार फरवरी नियत कर दी गई है। देवी-देवताओं के विरुद्ध 2014 में अभद्र टिप्पणी करने के मामले में स्वामी खिलाफ यहां के अधिवक्ता ने परिवाद दायर किया था।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 08:43 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 08:43 PM (IST)
द‍िल्‍ली के सीएम केजरीवाल और कुमार विश्वास की पेशी पांच को, अमेठी में दर्ज है एफआइआर
अमेठी में बिना अनुमति जनसभा करने व जुलूस निकालने का है आरोप।

सुलतानपुर, जागरण संवाददाता। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति जनसभा करने व जुलूस निकालने पर अमेठी जिले के गौरीगंज व मुसाफिरखाना कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गई थी। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरवि‍ंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के तत्कालीन प्रत्याशी कुमार विश्वास सहित कई समर्थकों पर आचार संहिता के उल्लंघन का केस चल रहा है। इसकी सुनवाई यहां एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी। सोमवार को पेशी तिथि नियत थी। मामले में डा.विश्वास के खिलाफ तो गिरफ्तारी का वारंट जारी करने का आदेश है। वहीं, केजरीवाल के मुकदमे में गवाही चल रही है। इन मुकदमों में अगली तिथि पांच फरवरी तय की गई है।

स्वामी प्रसाद के विरुद्ध चल रहे मामले में कार्यवाही चार को : पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के विरुद्ध चल रहे मामले में कार्यवाही के लिए पेशी तिथि चार फरवरी नियत कर दी गई है। देवी-देवताओं के विरुद्ध 2014 में अभद्र टिप्पणी करने के मामले में स्वामी खिलाफ यहां के अधिवक्ता ने परिवाद दायर किया था। इसमें तत्कालीन मजिस्ट्रेट ने धार्मिक भावना भड़काने का केस चलाने का आदेश दिया है। इस आदेश के खिलाफ मौर्य ने जिला जज की अदालत में रिवीजन दायर किया था, जो निरस्त हो गया था। तभी उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया गया था। इस पर मौर्य ने उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की थी, जिसमें विचारण पर रोक लगाते हुए उनके हाजिर होने की छूट दी गई थी।

मामले की पेशी चल रही थी कि उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश पारित किया, जिसमें एमपी-एमएलए के मुकदमों में छह महीने से ज्यादा समय वाले स्थगनादेश निष्प्रभावी कर दिए गए। इसी को आधार मानकर पिछली पेशी पर गिरफ्तारी का आदेश हुआ, लेकिन कोरोना काल की वजह से वारंट नहीं जारी किया गया। इसी दिन बाद में दंडाधिकारी ने हाईकोर्ट की याचिका की स्थिति तक कोई प्रक्रिया न कराने को कहा था। सोमवार को इस मामले में अग्रिम कार्यवाही के लिए तिथि तय थी।

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