KGMU: उद्घाटन का बीता माह, Covid अस्पताल का काम अभी भी अधूरा

केजीएमयू में कोविड अस्पताल का फीताकटवाकर अफसर हुए बेपरवाह कोरोना मरीजों की अाफत बरकरार। उद्घाटन के एकम माह बाद भी अस्पताल पूरी तरह से फुल फ्लैश शुय नहीं हुआ। अभी तक सीटी स्कैन व माइक्रोबायोलॉजी लैब की सुविधा नहीं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 08 Oct 2020 07:02 AM (IST) Updated:Thu, 08 Oct 2020 07:02 AM (IST)
KGMU:  उद्घाटन का बीता माह, Covid अस्पताल का काम अभी भी अधूरा
केजीएमयू के कोविड अस्पताल में बजट मिलने के बाद भी नहीं शुरू हुई सीटी स्कैन व लैब।

 लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू को कोविड अस्पताल बनाने का कोरोड़ों का बजट मिला । गंभीर मरीजों के बेहतर इलाज का दावा किया गया। मगर, उद् घाटन के 31 दिन बाद भी अस्पताल फुल फ्लैश में शु रू नहीं हो सका। सात सितंबर को सीएम से उद् घाटन कराकर अफसरों ने वाहवाही लूटी। इसके बाद बेपरवाह हो गए । लिहाजा , अभी तक सीटी स्कैन, माइक्रोबायोलॉजी लैब की सुविधा नहीं हाे सकी।

शहर में 29 अस्पतालों में कोरोना का इलाज किया जा रहा है। इसमें 13 सरकारी अस्पताल हैं। वहीं 16 निजी अस्पताल में मरीजों के भर्ती की व्यवस्था है। कोविड अस्पतालों में कुल 3,888 बेड हैं। इसमें 360 आइसीयू बेड ही हैं। ऐसे में कोरोना के गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्टेंड बेड के लिए भटकना पड़ रहा था। लिहाजा , सीएम ने केजीएमयू व लोहिया संस्थान में आइसीयू बेड बढ़ाने का निर्देश दिया । ऐसे में केजीएमयू प्रशासन ने लिंब सेंटर को कोविड अस्पताल बनाने का फैसला किया । इलाज की संपूर्ण व्यवस्था एक छत तले मुहैया कराने के लिए सरकार से करोड़ों का धन मांगा। शासन ने तत्काल धन को मंजूरी दे दी। ऐसे में सात सितंबर को संस्थान प्रशासन ने कोविड अस्पताल का उद् घाटन भी सीएम व चिकित्सा शिक्षा मंत्री से करा डाला। मगर, माह बीतने पर भी काम अधूरा पड़ा है। लिहाजा , गंभीर मरीजों को भर्ती के लिए दुश्वारियां उठानी पड़ रही हैं।

फेफड़े में वायरस का शुरुआती प्रकोप पकड़ना मुश्किल

केजीएमयू में 500 बेड कोरोना इलाज के लिए हैं। इसमें 320 बेड की क्ष्रमता लिंब सेंटर कोविड अस्पताल की है। वहीं 157 बेड आइसीयू के दावे किए जा रहे हैं। मगर, अस्पताल में तैनात स्टाफ के मुताबिक कई बेडों पर आवश्यक उपकरण अभी तक नहीं लग सके हैं। वहीं माइक्रोबायोलॉजी लैब भी नहीं बन सकी है। इसके लिए सैंपल लेकर मुख्य कैंपस जांच के लिए भेजने पड़ रहे हैं। वहीं कोरोना मरीजों के लिए आवश्यक सीटी स्कैन जांच की व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी। ऐसे में फेफड़े में वायरस का शुरुआती दौर में प्रकोप पकड़ना मुश्किल हो रहा है। साथ ही बीमारी की चपेट में आए व्यक्ति फेफड़े में वायरस ने कितना नुकसान कर दिया, यह डॉक्टर एक्सरे से अंदाजा लगाकर काम चला रहे हैं। लिहाजा , लिंब सेंटर कोविड अस्पताल में सीटी स्कैन की आवश्यकता डॉक्टर भी जता चुके है।

मौतों में कमी लाने के लिए आइसीयू प्रभारी बनाए

केजीएमयू में कोविड के छह आइसीयू बनाए गए हैं। इनमें गंभीर मरीजों की मौतों का मामला शासन तक पहुंचा। ऐसे में आइसीयू को विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंप कर अलग-अलग इंचार्ज बना दिया गया है। इसमें करीब 13 विभाग के डॉक्टर को ड्यूटी के वक्त अलग-अगल इंचार्ज बनाया गया है। वहीं आइसीयू सेवा का प्रभारी एनेस्थी सिया की डॉ. मोनिका को हली व क्रिटिकल केयर मेडिसिन के हेड डॉ. अविनाश अग्रवाल को बनाया गया है।

केजीएमयू के मीडिया प्रभारी डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि कोविड अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन जल्द लगेगी। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं बायोके िमस्ट्री लैब का संचालन होने लगा है। माइक्रोबायोलॉजी का अभी सैंपल कलेक्शन सेंटर है। इसकी भी लैब बनाई जाएगी।

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