अखिलेश की कामना- जल्द घर पहुंचें श्रमिक, मायावती की अपील- मजूदरों के लिए करें कल्याणकारी काम
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया सरकार कागजों पर श्रमिकों की मदद का ढोंग कर रही तो वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने मजदूरों के हितों के लिए सार्थक कदम उठाने की अपील की है।
लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण काल में आज हम एक अलग तरह का श्रमिक दिवस मना रहे हैं। देश के कई राज्यों में घरों से दूर मजदूर काम और पैसे के लिए परेशान हैं। भविष्य में बढ़ती बेकारी का संकट इन्हें अलग भयाक्रांत कर रहा है। इस वजह से किसी शुभकामना या बधाई देने का अवसर तो नहीं है परंतु भटके हुए श्रमिक अपनों के पास घर सुरक्षित पहुंच जाएं, ये कामना तो हम कर ही सकते हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने भी श्रमिक दिवस के मौके पर मजदूरों के लिए केंद्र और राज्य से कल्याणकारी सरकार के रूप में काम करने की अपील की है।
इस साल कोरोनाकाल में एक अलग तरह का ‘श्रमिक दिवस’ है. देश के कई राज्यों में मज़दूर घरों से दूर बिना काम और पैसे के परेशान हैं, इस वजह से इस साल, इस दिन किसी शुभकामना या बधाई देने का अवसर तो नहीं है परंतु श्रमिक अपनों के पास घर सुरक्षित पहुँच पाएं, ये कामना तो हम कर ही सकते हैं. — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 1, 2020
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि कामगार इन दिनों रोजी-रोटी से वंचित तिल-तिल घुट रहे हैं। भाजपा सरकार कागजों पर ही श्रमिकों की मदद का ढोंग कर रही है। दूसरे राज्यों से लाखों श्रमिक बसों में कैसे आ पाएंगे? अच्छा होता राज्य सरकार केंद्र से रेलवे की ट्रेन की मांग करे, जिससे चेन्नई सहित अन्य दूर दराज के राज्यों से श्रमिक सकुशल लाए जा सकें। जब राज्य सरकार के पास प्रवासी और राज्य के श्रमिकों का सही आंकड़ा ही नहीं है तो वह रोजगार कैसे देगी?
2. इसलिए केन्द्र व राज्य सरकारों से अपील है कि वे करोड़ों गरीब मजदूरों व मेहनतकश परिवार वालों के जीवनदायी हितों की रक्षा में सार्थक कदम उठाएं व उन बड़ी प्राइवेट कम्पनियों का भी संज्ञान लें जो केवल अपना मुनाफा बरकरार रखने के लिए कर्मचारियों की सैलरी में मनमानी कटौती कर रही हैं।
— Mayawati (@Mayawati) May 1, 2020
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया कि हर वर्ष मई दिवस को मजदूर व मेहनतकश वर्ग धूमधाम से मनाते हैं। परंतु कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण उनकी रोजी-रोटी पर अभूतपूर्व संकट छाया हुआ है। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से अपील की है कि वे करोड़ों गरीब मजदूरों व मेहनतकश परिवार वालों के जीवनदायी हितों की रक्षा में सार्थक कदम उठाएं। साथ ही उन बड़ी कंपनियों का भी संज्ञान लें जो केवल मुनाफा बरकरार रखने के लिए कर्मचारियों के वेतन में मनमानी कटौती कर रही हैं।