मुस्कुरा कर मिले स्वतंत्र देव सिंह व मुलायम सिंह यादव और खेल गए दांव, समझिए इस मुलाकात के राजनीतिक मायने

राजनीतिक शिष्टाचार के बहाने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का मिलना-मुस्कुराना एक-दूसरे की टांग खिंचाई जैसा लगता है। नेताजी को पहलवान साबित करने के लिए शुरुआत सपा नेताओं ने की और जवाब में स्वतंत्र देव ने अपना पलट दांव चल दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 08:48 AM (IST)
मुस्कुरा कर मिले स्वतंत्र देव सिंह व मुलायम सिंह यादव और खेल गए दांव, समझिए इस मुलाकात के राजनीतिक मायने
मुस्कुरा कर मिले स्वतंत्र देव सिंह व मुलायम सिंह यादव।

लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। उत्तर प्रदेश में यह कुश्ती लंबी चलेगी। हार-जीत का परिणाम 2022 में विधानसभा चुनाव के बाद आएगा। अभी तो सिर्फ दांव देखिए और गांठ बांध लीजिए कि राजनीति में हंसना-रोना भी अब सिर्फ रणनीति है। राजनीतिक शिष्टाचार के बहाने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का मिलना-मुस्कुराना और हाथ मिलाना एक-दूसरे की टांग खिंचाई जैसा लगता है। नेताजी को 'पहलवान' साबित करने के लिए शुरुआत सपा नेताओं ने की और जवाब में स्वतंत्र देव ने कल्याण सिंह की श्रद्धांजलि सभा से मुलायम की गैर-हाजिरी देख अपना पलट दांव चल दिया है।

दरअसल, स्वतंत्र देव सिंह सोमवार दोपहर मुलायम सिंह यादव के आवास पहुंचे। मुलायम ने सहर्ष उनका स्वागत किया और गेट तक छोड़ने भी आए। इसके बाद ही यह मुलाकात इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने लगी। खुद स्वतंत्र देव सिंह ने भी मुलायम सिंह यादव के साथ अपनी फोटो ट्वीट की, जिसमें दोनों गर्मजोशी से एक-दूसरे का हाथ थामे दिखे। स्वतंत्र देव ने ट्वीट किया- 'आदरणीय मुलायम सिंह जी 'नेताजी' से उनके आवास पर भेंट कर कुशलक्षेम जानी और आशीर्वाद प्राप्त किया। मैं ईश्वर से उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना करता हूं।'

तब माना जा रहा था कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने इस मुलाकात के जरिये यह संदेश देने की कोशिश की है कि मतभेद भले हों, लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिए और राजनीतिक शिष्टाचार बहुत जरूरी है। इस संदेश को सबसे पहले सपा ने ही लपका। पार्टी के डिजिटल मीडिया कोआर्डिनेटर मनीष जगन अग्रवाल ने ट्वीट कर दिया- 'भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह नेताजी से मिले। नेताजी ने स्वतंत्र देव को समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने का आफर दिया। भाजपा में पिछड़ों-दलितों की अनदेखी से शायद स्वतंत्र देव सिंह नाराज हैं। स्वतंत्र देव सिंह इसे भले ही शिष्टाचार मुलाकात कहें, लेकिन कुछ तो है।' इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया भाजपा से नहीं दी गई। इधर, मंगलवार सुबह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मनीष जगन के ट्वीट को री-ट्वीट कर दिया।

सोमवार को मुलायम सिंह यादव से मुलाकात का असल उद्देश्य भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सीएमएस गोमतीनगर में आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की श्रद्धांजलि सभा में बताया। उन्होंने मंच से बताया कि वह श्रद्धांजलि सभा में बुलाने के लिए मुलायम सिंह के घर गए। बसपा मुखिया मायावती सहित तीस-चालीस पार्टियों के नेताओं को फोन किया। बीस-पचीसों दल के नेता आ भी गए और मायावती ने भी अपने राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्र को भेज दिया...। स्वतंत्र देव ने यह नहीं कहा कि मुलायम नहीं आए, लेकिन उनकी गैर-हाजिरी से जो संदेश देना था, दे दिया।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर सपा से अखिलेश यादव या मुलायम सिंह यादव श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे, तब भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया था- 'अखिलेश जी अपने आवास से मात्र एक किलोमीटर दूर माल एवेन्यू में स्वर्गीय कल्याण सिंह 'बाबूजी' को श्रद्धांजलि देने नहीं आ सके। कहीं मुस्लिम वोट बैंक के मोह ने उन्हें पिछड़ों के सबसे बड़े नेता को श्रद्धांजलि देने से तो नहीं रोक लिया?' स्वतंत्र देव ने तब कहकर और अबकी बार खामोशी से सवाल छोड़ दिया है।

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