बढ़ेंगी मायावती की सियासी मुश्किलें, भाई की अकूत संपत्ति को लेकर उठते विवादों पर सफाई देना आसान नहीं

बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद की संपत्ति में सात वर्ष के भीतर 18 हजार प्रतिशत की बढ़ोतरी होना विरोधियों के लिए बसपा पर हमलावर होने का हथियार सिद्ध होगा।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 18 Jul 2019 11:16 PM (IST) Updated:Fri, 19 Jul 2019 09:10 AM (IST)
बढ़ेंगी मायावती की सियासी मुश्किलें, भाई की अकूत संपत्ति को लेकर उठते विवादों पर सफाई देना आसान नहीं
बढ़ेंगी मायावती की सियासी मुश्किलें, भाई की अकूत संपत्ति को लेकर उठते विवादों पर सफाई देना आसान नहीं

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आयकर विभाग द्वारा भाई आनंद कुमार की 400 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती की राजनीतिक मुश्किलें भी बढ़ती दिख रही हैैं। परिवारवाद के आरोपों से घिरी मायावती को आनंद कुमार की संपत्ति को लेकर उठते विवादों पर सफाई देना आसान नहीं होगा। असली समस्या अनुसूचित जाति के वोटरों में उठते सवालों को लेकर होगी। आयकर की कार्रवाई के बाद भीम आर्मी जैसे संगठनों को आनंद की बेमानी संपत्तियों पर बसपा को घेरने का मौका भी मिलेगा। 

उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के अलावा वर्ष 2022 के आम चुनाव पर दुष्प्रभाव पड़ने का खतरा जता रहे दलित चिंतक डॉ. चरण सिंह का दावा है कि बहुजन हिताय, बहुजन समाज के नारे को सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय में बदलकर सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटीं बसपा प्रमुख अपने ही जाल में उलझ रहीं हैं। परिवारवाद का विरोध करने वाली बसपा कांशीराम के मूल मिशन से भटक चुकी हैं। समर्पित कार्यकर्ताओं को किनारे कर भाई और भतीजे को संगठन में सर्वोपरि बनाने के फैसले का पार्टी के भीतर अभी खुलकर विरोध भले ही न दिख रहा हो परंतु असंतोष से इन्कार नहीं किया जा सकता।

एक कोआर्डिनेटर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी को परिजन हिताय परिजन सुखाय की राह पर ले जाने का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। मायावती द्वारा मनमाने एकतरफा फैसले लेने का ही नतीजा है कि पार्टी से पुराने समर्पित व विश्वसनीय नेता एक एक कर किनारा करते जा रहे हैैं।

विरोधियों को दुष्प्रचार का मौका

आनंद की संपत्ति में सात वर्ष के भीतर 18 हजार प्रतिशत की बढ़ोतरी होना, विरोधियों के लिए बसपा पर हमलावर होने का हथियार सिद्ध होगा। एडवोकेट लीलापत का कहना है कि अनुसूचित जाति के गरीबों को गुमराह कर अपने परिवार को धन्ना सेठों की श्रेणी में ले जाने का जवाब तो मायावती को समाज को देना ही होगा। बसपा से निष्कासित एक नेता का कहना है कि पार्टी को पैसे और परिवार में ही समेट देने वालों से बाबा साहब का मिशन पूरा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

न डरेंगे और न झुकेंगे : मायावती

भाई आनंद कुमार पर आयकर विभाग की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा पर निशाना साधा। गुरुवार देर रात किए ट्वीट में उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई से बसपा डरने व झुकने वाली नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, 'भाजपा केंद्र की सत्ता का अभी भी दुरुपयोग करके अपने विपक्षियों को षडयंत्र के तहत जबरन फर्जी मामलों में फंसाकर प्रताड़ित कर रही है। इसी क्रम में अब मेरे भाई-बहनों आदि को जबरदस्ती परेशान किया जा रहा है, जो अति निंदनीय इससे बसपा डरने व झुकने वाली नहीं है।'

बीजेपी केन्द्र की सत्ता का अभी भी दुरुपयोग कर अपने विपक्षियों को षडयंत्र के तहत जबरन फर्जी मामलों में फंसाकर उन्हें प्रताड़ित कर रही है। इसी क्रम में अब मेरे भाई-बहनों आदि को भी जबर्दस्ती परेशान किया जा रहा है, जो अति-निन्दनीय है। लेकिन इससे बीएसपी डरने व झुकने वाली नहीं है। — Mayawati (@Mayawati) July 18, 2019

मायावती ने ट्वीट में कहा कि 'ऐसी ही घिनौनी हरकत इसी पार्टी की सरकार ने वर्ष 2003 में भी आयकर व सीबीआइ आदि के जरिये हमारे विरुद्ध की थी, जो सर्वविदित है। जिसमें फिर हमें अंत में काफी संघर्ष के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला था।'

मायावती के भाई आनंद की 400 करोड़ की संपत्ति हुई है जब्त

दरअसल, बेनामी संपत्ति कानून के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए आयकर विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के भाई व बसपा के उपाध्यक्ष आनंद कुमार और उसकी पत्नी की संपत्ति जब्त कर ली गई है। आयकर विभाग के अनुसार इस संपत्ति की मूल कीमत लगभग 400 करोड़ रुपये है, जबकि मौजूदा बाजार कीमत इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है। आयकर विभाग लंबे समय से आनंद कुमार की बेनामी संपत्तियों की जांच कर रहा था। नोएडा के सेक्टर 94 स्थित सात एकड़ (28,328.07 वर्ग मीटर) जमीन के सारे दस्तावेजों को खंगालने के बाद यह पुख्ता हो गया है कि दूसरी कंपनियों के नाम पर दिखाई गई यह जमीन दरअसल आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्रलता की है और वे ही इसके असली लाभार्थी हैैं।

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