Akshaya Tritiya 2021: सुकर्मा योग से खास होगी अक्षय तृतीया, ये है शुभ मुहूर्त; जानें क्या है मान्यता

Akshaya Tritiya 2021 इस वर्ष अक्षय तृतीया 14 मई को पड़ेगी। कोरोना संक्रमण के चलते धातुओं की खरीदारी व शादी विवाह जैसे कार्य कम होंगे। मृगशिरा नक्षत्र और सुकर्मा योग और वृषभ राशि का संयोग होने से अक्षय तृतीया विशेष फलदाई होगी।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:10 AM (IST)
Akshaya Tritiya 2021: सुकर्मा योग से खास होगी अक्षय तृतीया, ये है शुभ मुहूर्त; जानें क्या है मान्यता
Akshaya Tritiya 2021: 14 मई को सुबह 5:38 बजे से 15 मई सुबह 7:59 बजे तक तृतीया का मान होगा।

लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। Akshaya Tritiya 2021: हर साल वैसाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 14 मई को पड़ेगी। कोरोना संक्रमण के चलते धातुओं की खरीदारी व शादी विवाह जैसे कार्य कम होंगे। इस बार मृगशिरा नक्षत्र और सुकर्मा योग और वृषभ राशि का संयोग होने से अक्षय तृतीया विशेष फलदाई होगी। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि तृतीया पर ग्रहों का ऐसा संयोग बना है, जो इस दिन को और भी शुभ व प्रभावशाली बना रहा है। सूर्य इस दिन मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन से इस दिन वृष राशि में सूर्य बुध के संयोग से बुधादित्य योग बनेगा। इस दिन शुक्र स्वराशि वृष में रहेंगे। इस दिन चंद्रमा उच्च राशि होंगे। अक्षय तृतीया पर चंद्रमा का शुक्र के साथ शुक्रवार को वृष राशि में गोचर करना, धन, समृद्धि और निवेश के लिए बहुत ही शुभफलदायी है। अक्षय तृतीया पर चंद्रमा संध्या काल में मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। मिथुन राशि में इस समय मंगल का संचार हो रहा है। ऐसे में चंद्रमा के मिथुन राशि में आने से यहां धन योग का निर्माण होगा। 14 मई  को सुबह 5:38 बजे से 15 मई  सुबह 7:59 बजे तक तृतीया का मान होगा। अक्षय तृतीया पूजा मुर्हूत सुबह 5:38 से लेकर दोपहर 12:05 बजे तकहै।

जलभरा कलश दान करने से मिलेगा पुण्य, संरक्षित करें दान: आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि अक्षय तृतीया स्वयं सिद्ध अबुझ मुहूर्त है। इसमें विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार करने से विशेष लाभ होगा। अक्षय तृतीया में तीर्थो में स्नान, जप, तप, हवन आदि शुभ कार्यों का अनंत फल मिलता है। इस दिन किया गया दान अक्षय यानि की जिसका क्षय न हो माना जाता है। इसदिन जल से भरा कलश, पंखा, छाता, गाय , चरण-पादुका,स्वर्ण व भूमि का दान सर्वश्रेष्ठ माना गया है। कोरोना संक्रमण में संकल्प के साथ दान संरक्षित किया जा सकता है। संक्रमण या लॉकडाउन खत्म होने पर संकल्पित दान किया जा सकता है।

परशुराम जयंती भी मनेगी: आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। त्रेतायुग की शुरुआत इसी दिन से मानी जाती है।  इसे युगादि तिथि भी कहते है। इस दिन भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के नर नारायण, हयग्रीव अवतार इसी दिन हुआ था। भगवान ब्रहमा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी इसी दिन हुआ था। श्री बद्रीनारायण के पट भी इसी दिन खुलते हैं तो वृंदावन में श्रीबिहारी जी के चरणों को दर्शन इसी दिन होता है। संक्रमण के लॉकडाउन में मंदिर बंद रहेंगे।

करोड़ों के कारोबारों पर संक्रमण का ब्रेक: अक्षय तृतीया के दिन धातु के बने आभूषण व सिक्के खरीदने की परंपरा पुरानी है लेकिन संक्रमण के चलते लखनऊ में करोड़ों का कारोबार प्रभावित होगा। मान्यता है कि सोना, चांदी खरीदने से समृद्धि आती है। सोना, चांदी आदि आभूषण, वस्त्र, प्रापर्टी  खरीदा जाता है। इंडियन बुलियन्स एवं ज्वेलरी एसोसिएशसन के प्रदेश मीडिया प्रभारी उमेश पाटिल ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन 10 से 12 करोड़ का व्यापार लखनऊ में होता था, इस बार सन्नाटा है। सहालग का बाजार तो पहले से प्रभावित है। आलमबाग ज्वेलरी एसोसिएशन के चेयरमैन रामकुमार वर्मा ने बताया कि संक्रमण के चलते कोई ऑर्डर नहीं लिया जा रहा है और दुकानें बंद हैं। चौक के व्यापारी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि कोई बुकिंग नहीं की गई है। एक दो लोगों ने कराने का प्रयास किया, लेकिन मना कर दिया गया।

दीपदान के साथ होगी कोरोना मुक्ति की कामना: भगवान विष्णु के छठें अवतार परशुराम के पूजन के इन दिन शादियां करके लोग अटूट बंधन की कामना करते हैं।  ब्राह्मण समाज की ओर से पूजा की जाती है। कथानक है कि शिव जी ने तपस्या से खुश होकर इन्हें फरसा प्रदान किया था। फरसे के नाम से ही इनका नाम राम से परशुराम हो गया। भगवान परशुराम के जन्मोत्सव का आयोजन  को होगा। कोरोना संक्रमण के चलते घरों में दीपदान के साथ ही आनलाइन हवन का आयोजन होगा। ब्राह्मण परिवार की ओर से सभी को घरों में श्रद्धानुसार दीपक जलाने और कम से कम पांच परिवार को भोजन कराने का आह्वान किया गया है। ब्राह्मण परिवार के अध्यक्ष शिव शंकर अवस्थी ने बताया कि कोरोना काल के चलते सामूहिक भंडारे को निरस्त कर घर में दीपदान करने और गरीबों को खाद्यान देने की अपील की गई है। दीपदान को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित कर भगवान परशुराम को याद किया जाएगा। ओम ब्राह्मण महासभा के संस्थापक धनंजय द्विवेदी ने बतायाकि सभी को घरों लैपटॉप और मोबाइल फोन से कथा का श्रवण करने की अपील की गई है।

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