कानपुर- लखनऊ 70 किमी के सफर में 1000 गड्ढे और करोड़ों की टोल वसूली
हर दिन इस सड़क से 21 हजार गाडिय़ां गुजर रही हैं, जिनसे महीने में लगभग सवा दो करोड़ रुपये का टोल भुगतान निजी कंपनी को किया जा रहा है।
लखनऊ [ऋषि मिश्र]। कानपुर गंगा पुल से लेकर लखनऊ में अमौसी एयरपोर्ट तक 70 किमी के रास्ते में लगभग 1000 जगहों पर खतरनाक गड्ढे हैं। सड़क निर्माण में खराब गुणवत्ता का नतीजा इस बार की बारिश में सामने आ गया है। एनएचएआइ इसके लिए उन ठेकेदारों को जिम्मेदार ठहरा रही है, जिन्होंने पहले खराब गुणवत्ता का काम किया था। दूसरी ओर हर दिन इस सड़क से 21 हजार गाडिय़ां गुजर रही हैं, जिनसे महीने में लगभग सवा दो करोड़ रुपये का टोल भुगतान निजी कंपनी को किया जा रहा है।
कानपुर से लखनऊ आते वक्त गंगा पुल से ये दिक्कत शुरू होती है। वहां से उन्नाव, अजगैन, पिपरसंड, बनी, बंथरा, सरोजनी नगर से होते हुए अमौसी के नजदीक तक 70 किमी की दूरी केवल गड्ढे ही गड्ढे हैं। इनकी गहराई कहीं कहीं इतनी अधिक है, गाडिय़ों को चलाते वक्त तेज झटके लगते हैं। लोग गड्ढों से गाड़ी को बचाने के लिए सड़क पर खतरनाक तरीके से गाड़ी की दिशा बदलते हैं, जिससे दुघर्टनाओं का खतरा बना रहता है।
कंपनी के खाते में जा रहा रोज का साढ़े सात लाख : नवाबगंज पक्षी विहार के पास टोल प्लाजा है। जहां निजी कंपनी टोल वसूलती है। कार का एक तरफ का टोल 70 रुपये और इसी तरह से बढ़ते हुए क्रम में ट्रकों से 250 रुपये टोल वसूला जाता है। दिन भर में करीब 21 हजार वाहन एक तरफ से गुजरते हैं। लगभग साढ़े सात लाख रुपये रोज और सवा दो करोड़ रुपये महीने का जमा होता है। इसके बदले में वाहन चालकों को केवल गड्ढों की सजा इस सड़क पर मिल रही है।
इस सड़क पर गड्ढे भारी बारिश के चलते बहुत अधिक बढ़ गए हैं। गुणवत्ता में कमी है, जिसके पीछे कारण कई ठेकेदारों का बदलना है। लगभग 13 साल तक सड़क निर्माण किया गया, जिसमें कई ठेकेदार बदले और काम खराब होता गया। मगर एक सप्ताह के भीतर सड़क से गड्ढे दुरस्त कर दिये जाएंगे। लोग निर्बाध गाड़ी चला सकेंगे।
- पी. शिवशंकर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआइ