अब इलाज के लिए नहीं बेचनी पड़ेगी जमीन, आयुष्मान योजना बढ़ाएगी भारतीयों की उम्र

संजय गाधी पीजीआइ का 23वा दीक्षा समारोह। देश के पहले पीडियाटिक गैस्ट्रो इंट्रोलॉजी विभाग के संस्थापक प्रो. एसके याचा को मिला प्रो. एसआर नायक अवार्ड।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Sep 2018 10:28 AM (IST) Updated:Sun, 02 Sep 2018 10:28 AM (IST)
अब इलाज के लिए नहीं बेचनी पड़ेगी जमीन, आयुष्मान योजना बढ़ाएगी भारतीयों की उम्र
अब इलाज के लिए नहीं बेचनी पड़ेगी जमीन, आयुष्मान योजना बढ़ाएगी भारतीयों की उम्र

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। एम्स दिल्ली के पूर्व बाल रोग विशेषज्ञ एवं नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पाल ने संजय गाधी पीजीआइ के 23वें दीक्षा समरोह में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में देश ने काफी प्रगति की है। इसके बाद भी तमाम लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। सरकार ने आयुष्मान भारत के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना लागू की है। इसके तहत देश में 1.5 लाख गाव में हेल्थ और वेलनेस सेंटर खुलेंगे।

देश की लगभग 40 फीसद आबादी कवर होगी। माना जा रहा है कि एक लाख से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ को नौकरी का रास्ता खुलेगा। देश में मेडिकल का 80 फीसद खर्च लोग अपनी जेब से उठाते हैं। कई लोगों को किडनी के स्टोन के आपरेशन के लिए रिक्शा या जमीन बेचना पड़ता है अब ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि संजय गाधी पीजीआइ इस योजना में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार रहे। इस मौके पर डीन प्रो. राजन सक्सेना, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, निदेशक प्रो. राकेश कपूर, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भरत सिंह सहित कई लोगों ने छात्रों को बधाई दी। उन्होंने पास आउट छात्रों से कहा कि सरकारी अस्पताल में ही काम करके आप संतुष्टि पा सकते हैं। आप सरकारी क्षेत्र के लिए लीडर की भूमिका निभा सकते हैं। मिल गई अटल की डिग्री :

राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि तीन साल से स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने एमए कब पास किया यह सवाल गूंज रहा था। तीन दिन पहले आगरा विवि के कुलपति ने पुराने रजिस्टर को खोज निकाला जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने हस्ताक्षर से डिग्री प्राप्त किया था। बताया कि 1947 में पेज नंबर 20 पर रोल नंबर 561 था। उन्होंने 1947 में डीएवी कालेज कानपुर से एमए किया। 162 छात्रों को डिग्री सहित तीन को मिला विशेष अवार्ड :

आज संजय गाधी पीजीआइ में 162 छात्रों को राज्यपाल के हाथों डिग्री मिली। समारोह में 37 छात्रों को डीएम, 16 को एमसीएच, चार को पीएचडी , 19 को एमडी, सात को एमएचए, 44 को पीडीसीसी व 35 छात्रों को बीएससी नर्सिग की डिग्री दी गई। इसके अलावा प्रो.एसआर नायक अवार्ड फॉर आउट स्टैडिंग इंवेस्टीगेटर बाल पेट रोग विभाग के प्रमुख प्रो.एसके याचा, प्रो.एसएस अग्रवाल फॉर एक्सीलेंस रिसर्च अवार्ड न्यूरोलॉजी विभाग के शोध छात्र डॉ.विजय कुमार साहू और प्रो.आरके शर्मा बेस्ट डीएम स्टूडेंट अवार्ड क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी विभाग के डीएम छात्र डॉ.विकास कुमार गुप्ता को दिया गया।

पेल्ड स्कोर बताएगा किसमें सफल होगी स्टेंटिंग : संजय गाधी पीजीआइ के पीडियाटिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के संस्थापक प्रो. एसके याचा ने एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जिससे बड चैरी सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चों में स्टेंटिग कितनी सफल होगी यह पहले से तय करना संभव हो गया है। प्रो. याचा को इस शोध के साथ अन्य विशेष 10 खोजों के लिए इस साल का प्रो. एसआर नायक अवार्ड फॉर आउटस्टैंडिंग इंवेस्टीगेटर अवार्ड दिया गया।

प्रो. याचा ने बताया कि बड चैरी सिंड्रोम में लिवर से निकलने वाली इंफीरियर वेना केवा नस जो दिल को खून ले जाती है वह बंद हो जाती है, जिस कारण लिवर बढ़ जाता है। इस नली को एंजियोप्लास्टी फॉलोड बाई स्टेंटिंग कर खोलते हैं। हमने पीडियाटिक अंड स्टेज लिवर डिजीज स्कोरिंग सिस्टम विकसित किया, जिससे बता सकते हैं कि किस बच्चे में स्टेंटिग से फायदा होगा। प्रो. याचा ने कहा कि जिस गुरु ने अपनी पूरी जिंदगी सीख दी, उसी के नाम का अवार्ड मिलना मेरे लिए भारत रत्‍‌न के समान है। प्रो. याचा के नाम 160 से अधिक रिसर्च पेपर हैं। बच्चों में तमाम पेट की बीमारी का पता लगाया जो पहले देश में कोई जानता नहीं था। इस बीमारी से बच्चे मर जाते थे, लेकिन अब इन बीमारियों से ग्रस्त 80 फीसद बच्चे अच्छी जिंदगी जी रहे हैं। देश का पहला संस्थान है जहा यह विभाग है। देश के पीडियाटिक गैस्ट्रो इंट्रोलॉजिस्ट तैयार कर रहा है। स्वर्गीय प्रो. एसआर नायक संस्थान के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के संस्थापक थे। इनके नाम पर हर साल अवार्ड दिया जाता है। प्रो. एसके याचा को सम्मानित करते राज्यपाल राम नाईकदीक्षा समारोह में डिग्री पाने वाले मेधावियों के साथ नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पाल,राज्यपाल राम नाईक, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, निदेशक प्रो. राकेश कपूर व अन्यडॉ. विकास गुप्ता को प्रो. आरके शर्मा अवार्ड से सम्मानित करते राज्यपाल

डिग्री मिलने के बाद सेल्फी लेतीं छात्राएं

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