पोलिंग पार्टियाँ लौटीं, देर रात तक जमा हुई ईवीएम

ललितपुर ब्यूरो : ललितपुर की दोनों विधानसभा सीटों के लिए गुरूवार को हुए मतदान के बाद जब ईवीएम आने का

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Feb 2017 01:29 AM (IST) Updated:Fri, 24 Feb 2017 01:29 AM (IST)
पोलिंग पार्टियाँ लौटीं, देर रात तक जमा हुई ईवीएम
पोलिंग पार्टियाँ लौटीं, देर रात तक जमा हुई ईवीएम

ललितपुर ब्यूरो : ललितपुर की दोनों विधानसभा सीटों के लिए गुरूवार को हुए मतदान के बाद जब ईवीएम आने का सिलसिला शुरू हुआ तो अमरपुर स्थित नवीन गल्ला मण्डी स्थल पर आपाधापी मच गयी। रात 8 बजे के बाद ईवीएम लेकर पहुँचे वाहनों के कारण जैम की स्थिति बन गई। ईवीएम जल्दी जमा कराने के लिए कर्मचारियों की होड़ लगने से स्थिति बिगड़ गई और हगामे की स्थिति पैदा हो गयी। ईवीएम जमा करने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। इसके लिए कर्मचारियों के बैठने तक उचित व्यवस्था नहीं थी।

::

---कम्पाइल..--

फोटो-31

ललितपुर : घण्टाघर चौक पर पसरा सन्नाटा।

::

बाजारों में पसरा रहा सन्नाटा

ललितपुर : विधानसभा चुनाव के जरिये भावी विधायक चुनने के लिए मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। अधिक से अधिक मतदान करने के लिए आज शहर के व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान बन्द रखें और लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए मतदान किया। हालाँकि मतदान दिवस पर सार्वजनिक रूप से दुकानों को बन्द रखने के निर्देश दिये गये थे। निर्देशों के पालन में शहर की लगभग सभी छोटी-बड़ी दुकानें सुबह से ही बन्द रहीं। यहाँ तक कि लोगों को दुकानों के न खुलने के चलते भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। आलम यह था कि लोग चाय गुटखे और नाश्ते के लिए भटकते दिखायी दिये। गली-मोहल्लों में इक्का-दुक्का दुकानें खुली थीं, जहाँ पर ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गयी। हालाँकि दोपहर बाद बाजारों में चहल-पहल शुरू हो गयी थी, और कुछेक दुकानें खोल दी गयी थी। कुल मिलाकर मतदान दिवस पर व्यापारियों ने अपनी तरफ से सहयोग प्रदान करते हुए मतदान में भागीदारी निभायी।

::

-कम्पाइल..--

बसों के अभाव में यात्री हुए परेशान

ललितपुर : चुनाव को निर्विघ्न और शान्तिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने तगड़े इन्तजाम कर रखे थे। जनपद के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में बने मतदान स्थलों तक मतदान कर्मियों और निर्वाचन में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों को आने जाने के लिए प्रशासन ने 194 बसें और 230 छोटे वाहनों के अलावा पुलिस फोर्स भी वाहन दिए गए थे। मतदान के दो दिन पूर्व ही अधिग्रहीत बसों को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया था। मतदान के एक दिन पूर्व बसों और अन्य वाहनों के जरिये मतदान कर्मियों को सम्बन्धित मतदेय स्थल तक पहुचाया गया। इसके चलते आज बस स्टैण्ड पर बसें नजर नहीं आयीं। अधिकाँश बसें चुनाव में लगे होने के कारण यात्रियों को गन्तव्य तक जाने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। आलम यह था कि जिस बस स्टैण्ड पर रोजना बड़ी संख्या में बसें खड़ी रहती थीं, वहाँ आज वीरानी छायी रही। यात्री स्टैण्ड तक तो पहुचे, लेकिन बसें न देख उन्हे मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। आसपास के लोग तो अन्य वाहनों की व्यवस्था कर गन्तव्य तक पहुच गये, लेकिन जिन्हे दूरी की यात्रा करनी थी वह थक-हार कर घर बैठ गये।

chat bot
आपका साथी