ICSE ISC UP Topper List: सीआईएससीई के नतीजों में प्रयागराज के मेधावियों ने बिखेरी चमक, सफलता के दिए टिप्स
काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (सीआईएससीई) की 10वीं (आईसीएसई) व 12वीं (आईएससी) के नतीजे सोमवार (छह मई) को सुबह 11 बजे जारी कर दिया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश के कई धुरंधरों ने टॉप किया है। सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। यह बात फिर साबित हुई। काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस के घोषित नतीजों में जितने मेधावियों ने चमक बिखेरी है...
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। यह बात फिर साबित हुई। काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस के घोषित नतीजों में जितने मेधावियों ने चमक बिखेरी है सभी ने नियमित अध्ययन और पूरे मनोयोग से पढ़ाई किया। कभी शार्टकट या कोई अन्य वैकल्पिक रास्ते को खोजने का प्रयास नहीं किया। पूरा फोकस अपनी पढ़ाई पर रखते हुए इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों से भी दूरी बनाकर रखा।
अधिकांश ने कहा, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म समय खराब करते हैं। वहां किसी भी तरह की रचनात्मकता या ज्ञानवर्धन नहीं होता। विद्यार्थियों को इनसे दूर रहना चाहिए। मेधावियों ने स्वयं ऐसा करके दिखाया है। यहां तक की ट्यूशन कोचिंग पर भी उनका फोकस नहीं रहा। स्कूल की नियमित पढ़ाई ने उन्हें लक्ष्य तक पहुंचा दिया। प्रस्तुत है मेधावियों से बातचीत के प्रमुख अंश।
12वीं के मेधावी
नियमित अध्ययन ही सफलता का मंत्र
जीएचएस की 12वीं की छात्रा अर्शिया शरीफ ने 99 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रतिभा का लोहा मनवाया है। अंग्रेजी में 97, हिंदी में 97, सोसियोलाजी में 99, इतिहास में 100, राजनीति विज्ञान में 100 अंक प्राप्त किए हैं। यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रशासनिक सेवा में जाने का लक्ष्य है। फिलहाल अभी दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई करेंगी।
कहती हैं कि सफल होने के लिए नियमित बढ़ना होगा। मां सीमा और पिता शरीफ अहमद व्यवसाय से जुड़े हैं। अर्शिया कहती हैं कि उन्हें राजनीति पर केंद्रित लेख पढ़ने में काफी रुचि है। सोशल मीडिया से दूरी बनाकर ही रहती हैं। मोबाइल का प्रयोग सिर्फ आनलाइन क्लास या गूगल सर्च के लिए करती हैं।
विधि के क्षेत्र में जाने का लक्ष्य लेकर चल रहीं अंशिका
जीएचएस की अंशिका ठुकराल ने 97.75 प्रतिशत अंक के साथ विद्यालय में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। अंग्रेजी में 97, राजनीति विज्ञान में 100, इतिहास में 95, सोसियोलाजी में 99, हिंदी में 97 अंक मिले हैं। वह विधि के क्षेत्र में करिअर बनाना चाहती हैं। इसके लिए वह सिम्बोसिस पुणे से एलएलबी पांच वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने की तैयारी में हैं। मां सोसिया ठुकराल गृहणी हैं वह हमेशा बेटी को पढ़ाने के लिए प्रेरित करती हैं।
पिता राकेश भी पूरा सहयोग देते हैं। इस बार की बोर्ड परीक्षा में छोटी बहन दृष्टी ठुकराल ने भी दसवीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक के सथ सफलता पाई है। दोनों बहनों का कहना है कि सिर्फ वाट्स्एप का प्रयोग वह आपी संचार के लिए करती हैं।
दसवीं के मेधावी
पढ़ाई के घंटे न बढ़ाएं, जितना पढ़ें ध्यान से पढ़ें
सेंट जान एकेडमी की ओनिका खन्ना ने दसवीं में 99 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रतिभा दिखाई है। उन्होंने अंग्रेजी में 98, हिंदी में 98, सोशल स्टडी में 99, विज्ञान में 100, कंप्यूटर में 100 और गणित में 93 अंक प्राप्त किए हैं। आगे की पढ़ाई भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषय के साथ करना चाहती हैं। उसके बाद चिकित्सा के क्षेत्र में करिअर बनाने का लक्ष्य है। सफलता का मंत्र नियमित पढ़ाई को मानती है।
कहती हैं कि देर तक पढ़ने की जरूरत नहीं, बस जितना पढ़ें ध्यान से पढ़ें। सोशल मीडिया की ओर थोड़ा रुझान हैं लेकिन कालेज और हास्टल में प्रतिबंध के कारण प्रयोग नहीं करती हैं। डिस्कस थ्रो और वालीबाल में राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतियोगिताओं में दम दिखा चुकी हैं।
डाक्टर बन समाज सेवा करना चाहते अनमोल
बीएचएस के अनमोल कृष्ण सिंह ने दसवीं में 99 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है। उन्होंने अंग्रेजी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, कंप्यूटर में 100-100 अंक प्राप्त किए हैं। हिंदी में 98, भौतिक विज्ञान में 98 और गणित में 97 अंक प्राप्त कर मेधा दिखाई। वह डाक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहते हैं।
कहते हैं कि प्रतिदिन छह से सात घंटे पढ़ाई की। कोचिंग नीट परीक्षा की तैयारी के लिए कर रहे हैं। वह नियमित रूप से विद्यालय जाते थे और पाठ्य सामग्री को स्वयं तैयार करते थे। बैडमिंटन और शतरंज खेलने में रुचि है। इंटरनेट मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर नहीं है। मां अनामिका सिंह और पिता राधाकृष्ण सिंह सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं। बेटे की सफलता पर उत्साहित हैं।
विज्ञानी बनने का लक्ष्य लेकर चल रहीं अपराजिता
जीएचएस की छात्रा अपराजिता ने दसवीं की परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक प्राप्त कर चमक बिखेरी है। वह विज्ञानी बनकर अनुसंधान कर देश के विकास में योगदान करना चाहती हैं। अंग्रेजी में 99, हिंदी में 99, इतिहास में 97, गणित में 98 और विज्ञान में 99 के साथ कंप्यूटर में 100 अंक प्राप्त किए हैं।
कहती हैं कि सोशल मीडिया समय की बर्बादी का स्थान है। वहां से किसी भी तरह की रचनात्मकता या सृजनात्मकता नहीं होती। विद्यार्थियों को इन प्लेटफार्में से दूरी बनाकर रखना चाहिए। अब वह आइआइटी की तैयारी करने में जुटी हैं। उन्हें पुस्तकों को पढ़ने का शौक है, साथ ही बैडमिंटन भी खेलती हैं। मां डा. शालिनी सिंह जगततारन डिग्री कालेज में समाज शास्त्र की शिक्षक हैं जबकि पिता नरेंद्र सिंह का निजी व्यवसाय है।
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