जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया पर 'रीवा' ने जताया रोष

लखीमपुर : रिटायर्ड इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (रीवा) की मासिक बैठक दीपायन स्कूल में संस्था

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 10:44 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 10:44 PM (IST)
जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया पर 'रीवा' ने जताया रोष
जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया पर 'रीवा' ने जताया रोष

लखीमपुर : रिटायर्ड इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (रीवा) की मासिक बैठक दीपायन स्कूल में संस्था के अध्यक्ष मेजर यज्ञदत्त मिश्र की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पेंशनर्स ने नवंबर माह में जीवित प्रमाण पत्र देने में जिला कोषागार कार्यालय में हो रही असुविधाओं का जिक्र किया। इसमें कोषाधिकारी द्वारा प्रक्रिया में किए गए परिवर्तन पर विरोध जताया गया और पुरानी प्रक्रिया को लागू करने की मांग की गई। एक प्रतिनिधि मंडल पेंशनर्स दयानंद शुक्ल की अध्यक्षता में कोषाधिकारी से भी मिला और उन्हें समस्याओं की जानकारी दी।

अभी तक कोषागार कार्यालय में पेंशनर्स अपना जीवन प्रमाण पत्र अपने परिवारीजनों के हाथों भेज देते थे या बाक्स में रखने की सुविधा थी। अब उन्हें जिला कोषाधिकारी के समक्ष उपस्थित होना पड़ता है। बैठक में मुख्य संयोजक चंद्रशेखर मिश्र, महामंत्री ईशदत्त मिश्र, गोपाल जी धवन, कौशल किशोर श्रीवास्तव, वासुदेव शुक्ला, रामलोटन मिश्रा, मनमोहन तिवारी, उदयभान गुप्ता, नंद कुमार मिश्रा, डॉ. एससी मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

मृत्यु के दो वर्ष बाद तक जारी हुई पेंशन

जिला कोषाधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि नई व्यवस्था तीन माह पूर्व एक पेंशनर्स के मृत्यु के दो वर्ष बाद तक पेंशन जारी होने और खाते से निकाले जाने के मामले के उजागर होने पर की गई है। इलाहाबाद बैंक संपूर्णानगर के एक माध्यमिक शिक्षक रहे पेंशनर का खाता था। दो वर्ष पूर्व इनकी मृत्यु हो गई। इसके बावजूद दो वर्षों तक उनके जीवित होने का प्रमाण पत्र बैंक से जारी होता रहा। यहां तक कि बैंक ने मृतक पेंशनर के नाम दो बार चेकबुक भी जारी की। जिनके माध्यम से पेंशन का भुगतान होता रहा। मामला उजागर हुआ तो रिपोर्ट दर्ज कराकर पेंशन की रकम वसूल की गई और दोषी जेल भेजे गए। अब पेंशनर्स को जिला मुख्यालय पर आने की आवश्यकता नहीं है। तहसील स्तर पर पेंशनर्स अपना जीवन प्रमाण पत्र बैंक से संबंधित तहसील के तहसीलदार के समक्ष उपस्थित होकर दे सकते हैं। इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है। दूर दराज के पेंशनरों को अब जिला मुख्यालय नहीं आना पड़ेगा।

आनंद कुमार, जिला कोषाधिकारी

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