खुले में शौच, पात्रों को पेंशन भी नहीं

सुकरौली विकास खंड के पटनी गांव के अधूरे शौचालय स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहे हैं। पात्र आवास और पेंशन की राह देख रहे हैं। क्षतिग्रस्त नालियां व अधूरे शौचालय सरकारी धन के बंदरबांट की गवाही दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Mar 2020 11:25 PM (IST) Updated:Fri, 06 Mar 2020 11:25 PM (IST)
खुले में शौच, पात्रों को पेंशन भी नहीं
खुले में शौच, पात्रों को पेंशन भी नहीं

कुशीनगर : सुकरौली विकास खंड के पटनी गांव के अधूरे शौचालय स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहे हैं। पात्र आवास और पेंशन की राह देख रहे हैं। क्षतिग्रस्त नालियां व अधूरे शौचालय सरकारी धन के बंदरबांट की गवाही दे रहे हैं।

जागरण टीम ने गांव का जायजा लिया तो जिम्मेदारों के प्रति ग्रामीणों में नाराजगी दिखी। यहां 362 शौचालयों के धन का भुगतान होने के बाद भी अधिकतर लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। किसी शौचालय की टंकी नहीं बनी तो किसी का छत अधूरा है। गांव की आबादी लगभग चार हजार है, इसमें 1600 मतदाता हैं। प्रधान प्रतिनिधि रणधीर सिंह ने कहा कि शौचालय के पैसे का भुगतान अभी नहीं हुआ है, भुगतान होते ही कार्य करा दिया जाएगा।

---

परेशानी नागरिकों की जुबानी अधूरे पड़े शौचालयों का गांव के लोग उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, जबकि जिम्मेदारों ने धननिकासी करा ली है। कोई पूछने वाला नहीं है।

- चानमती देवी

----

सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए पात्रों के चयन में भेदभाव किया जाता है। यही वजह है कि पात्र होते हुए भी मुझे पेंशन नहीं मिलती है।

- रेशमा देवी

----

धन मिलने के बाद भी शौचालय अधूरा पड़ा है। मजबूरी में परिवार के सदस्य खुले में शौच के लिए जाते हैं। जिम्मेदार इसकी सुध नहीं ले रहे।

- छत्तरधारी

---

- मेरी उम्र 70 वर्ष है। पेंशन के लिए कई बार आवेदन किया, लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई। ब्लॉक का चक्कर लगाते-लगाते थक गया।

- मिठाई लाल

---

शौचालय के लिए मिले धन का बंदरबांट किया जाना अपराध है। इसकी जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

भूपेंद्र एस चौधरी, जिलाधिकारी

chat bot
आपका साथी