आठ वर्ष बाद रैक प्वाइंट पर पहुंची पहली मालगाड़ी

तमकुहीरोड रेलवे स्टेशन महज यात्रियों के आवागमन का केंद्र बनकर रह गया था लेकिन अब यहां के रैक प्वाइंट पर व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। अब यह स्टेशन व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण हो गया है। इससे यूपी-बिहार की सीमा पर मौजूद अंतिम बड़े बाजार सेवरही का महत्व भी बढ़ जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Feb 2020 12:16 AM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 12:16 AM (IST)
आठ वर्ष बाद रैक प्वाइंट पर पहुंची पहली मालगाड़ी
आठ वर्ष बाद रैक प्वाइंट पर पहुंची पहली मालगाड़ी

खुशखबरी

कुशीनगर: तमकुहीरोड रेलवे स्टेशन महज यात्रियों के आवागमन का केंद्र बनकर रह गया था, लेकिन अब यहां के रैक प्वाइंट पर व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। अब यह स्टेशन व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण हो गया है। इससे यूपी-बिहार की सीमा पर मौजूद अंतिम बड़े बाजार सेवरही का महत्व भी बढ़ जाएगा।

2011 में पूर्वोत्तर रेलवे के कप्तानगंज-थावे रेल मार्ग पर आमान परिवर्तन हुआ। पडरौना और तमकुहीरोड के व्यवसायिक महत्व को देखते हुए एवं व्यापारियों की मांग पर दोनों जगह रैक प्वाइंट बनवाए गए थे। पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने उद्घाटन किया था। पडरौना में रैक प्वाइंट का व्यावसायिक इस्तेमाल काफी पहले शरू हुआ, लेकिन तमकुहीरोड रेलवे स्टेशन पर बने रैक प्वाइंट का व्यावसायिक इस्तेमाल अब तक नहीं हुआ था। निर्माण के समय कई व्यापारी प्रतिष्ठानों ने लिखकर भी दिया था कि वह इसका इस्तेमाल नमक, खाद्यान उर्वरक सहित अन्य सामान मंगाने में करेंगे, लेकिन किसी ने न तो सामान मंगाया और न ही भेजा। यहां 50 टैंकरों वाली ट्रेन खड़ी हुई तो रेल कर्मचारियों की बांछे खिल गयी। लखनऊ व सीतापुर से आए मजदूरों ने एक दर्जन से अधिक उपकरणों की सहायता से टैंकरों में शीरा भरने का कार्य शुरू किया। कांट्रैक्टर ने बताया कि दक्षिण भारत की एक कंपनी ने सेवरही चीनी मिल से शीरा खरीद का अनुबंध किया है। पहली खेप में 50 टैंकरों में 27.5 मीट्रिक टन शीरा गांधी धाम गुजरात रेलवे स्टेशन पर भेजा जाएगा। स्टेशन अधीक्षक निखिल रघुनाथ श्रीवास्तव ने बताया कि रैक प्वाइंट से यह पहली बार व्यावसायिक बुकिग है। इसे रेल अधिकारियों के निर्देश पर एक दिन में गांधी धाम गुजरात रेलवे स्टेशन के लिए रवाना कर दिया जाएगा।

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