पीएम आवास योजना की सूची में की गई धांधली

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास लेने के लिए छह वर्ष पहले स्थाई पात्रता सूची तैयार की गई थी। अब उस सूची का सत्यापन कराया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 10:59 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 10:59 PM (IST)
पीएम आवास योजना की सूची में की गई धांधली
पीएम आवास योजना की सूची में की गई धांधली

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास लेने के लिए छह वर्ष पहले स्थाई पात्रता सूची तैयार की गई थी। अब उस सूची का सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन के लिए जिन कर्मचारियों को लगाया है, वह गड़बड़ी कर रहे है। आरोप है कि कई पात्रों को अपात्र कर दिया गया है। शिकायत के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

शासन के निर्देश पर गरीबों को आवासीय सुविधा देने के लिए वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री आवासीय योजना का लाभ दिलाने के लिए स्थाई पात्रता सूची तैयार की गई थी। इस सूची में शामिल आठ हजार लोगों को आवासीय सुविधा भी अब तक दी जा चुकी है। जिलाधिकारी के निर्देश पर पूर्व में तैयार की गई स्थाई पात्रता सूची का सत्यापन किया जा रहा है। आरोप है कि सत्यापन में कर्मचारी भारी खेल कर रहे है। जो पात्र है उन्हें अपात्र व अपात्रों को पात्र किए जाने का काम किया जा रहा है। विकास खंड सरसवां की ग्राम पंचायत सरसवां निवासी तेरसिया पत्नी छोटेलाल ने बताया कि वह कच्चे जर्जर मकान में रहती है। बारिश के दौरान काफी परेशानी होती है। पीएम आवास योजना की स्थाई पात्रता सूची में नाम है, लेकिन जांच के दौरान अपात्र कर दिया गया। इसी प्रकार सरसवां के बुधराज सिंह को भी सत्यापन के दौरान अपात्र किया गया है। इसकी शिकायत विकास अधिकारी से की लेकिन ध्यान नहीं दिया गया है। आठ वर्ष से झोपड़ी में रह रहा बुधराज

ग्राम पंचायत सरसवां के बुधराज ने बताया कि आठ वर्ष पूर्व कच्चा घर गिर गया था। अभी तक आवासीय सुविधा नहीं मिली। झोपड़ी डाल कर परिवार के साथ जीवन गुजार रहा हूं। आवास बनाने के लिए पीएम आवास योजना की स्थायी पात्रता सूची में नाम भी है। अब कर्मियों ने अपात्र कर दिया है। इस वजह से आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास के लिए स्थाई पात्रता की सूची का सर्वे कराया जा रहा है। सरसवां गांव में कर्मचारियों ने किसी प्रकार की गड़बड़ी की है तो पूरे प्रकरण की जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

शशिकांत त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी

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