विद्युत संकट से जूझ रहा कस्बा का पावर लूम उद्योग

गंजडुंडवारा संवाद सूत्र कस्बा गंजडुंडवारा जिले का व्यवसायिक कस्बा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 05:58 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 05:58 AM (IST)
विद्युत संकट से जूझ रहा कस्बा का पावर लूम उद्योग
विद्युत संकट से जूझ रहा कस्बा का पावर लूम उद्योग

गंजडुंडवारा, संवाद सूत्र : कस्बा गंजडुंडवारा जिले का व्यवसायिक कस्बा है। यहां का मुख्य कारोबार पावर लूम है, लेकिन विद्युत संकट के चलते इस उद्योग पर संकट के बादल छाए हैं। रोस्टर के अनुसार बिजली न मिलने से नियमित संचालन नहीं हो पाता है। कारीगरों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट बढ़ता जा रहा है।

कस्बा गंजडुंडवारा पावर लूम उद्योग के लिए पहचाना जाता है। कस्बे में 10 बड़े कारखाने हैं। इनमें लगभग 10 पावर लूम हैं। इसके अलावा कस्बे में इतने ही पावर लूम और लगे हैं, लेकिन इन सब का संचालन विद्युत की आपूर्ति पर निर्भर है। इससे सैकड़ों कारीगरों को रोजी-रोटी मिलती है, लेकिन बीते कुछ माह से कस्बे की विद्युत आपूर्ति अव्यवस्थित हो गई है। रोस्टर के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है। पावर लूम न चलने से यहां कारोबारी परेशान हैं। वहीं, कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो रहा है। व्यापारी चाहते हैं कि उन्हें कम से कम 20 घंटे की बिजली आपूर्ति दी जाए। सुजालपुर फीडर से बिजली की आपूर्ति होती है। रोस्टर के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है। ट्रिपिग इतनी बार होती है कि पावर लूम चलाना मुश्किल है।

- शीशुपाल अग्रवाल, पावर लूम कारोबारी हमारा पावर लूम कारोबार है। बिजली के ऊपर ही निर्भर हैं। इससे सैकड़ों कारीगर जुड़े हैं। बिजली न मिलने से मशीन नहीं चलती हैं तो मजूदरों को भी रोजगार नहीं मिल पाता।

- परवेज खान, पावर लूम कारोबारी जनरेटर से पावर लूम चलाना इतना महंगा होता है। इससे घाटा भी होता है। बिजली न मिलने पर पावर लूम नहीं चलते हैं। 20 घंटे विद्युत आपूर्ति होनी चाहिए।

- ऋषिपाल सिंह चौहान, पावर लूम कारोबारी 24 घंटे में पांच से छह घंटे ही बिजली मिलती है। उसमें भी ट्रिपिग की समस्या होती है। उद्योग को रोस्टर के अनुसार कम से कम 20 घंटे की विद्युत आपूर्ति की जाए।

- अनिल मनोचा, पावर लूम कारोबारी

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