Ghaziabad: 'मैं अगर मौके से नहीं भागता तो मुझे भी गोली मार देता', BTech छात्र के दोस्त ने बयां किया खौफनाक मंजर
गाजियाबाद में क्रॉसिंग रिपब्लिक की पैरामाउंट सिंफनी सोसायटी में शुक्रवार की रात रिटायर्ड बीएसएफ जवान ने बेटी दोस्त विपुल की गोली मारकर हत्या कर दी। इस खौफनाक मंजर को याद कर विपुल के दोस्त आशीष से अपना दर्द बयां किया है। उसने कहा कि अगर वह मौके से नहीं भागता तो मुझे भी वह गोली मार देता। आरोपी बेटी से बात करने को लेकर युवक से नाराज था।
विनीत कुमार, गाजियाबाद। बीटेक छात्र विपुल वर्मा की हत्या के समय उसके साथ दोस्त आशीष कुमार गुप्ता मौजूद था। रात का मंजर याद करते हुए आशीष ने बताया कि शुक्रवार देर रात तक प्रोजेक्ट पर चर्चा करने आए बाकी दोस्त चले गए थे।
रात करीब साढ़े 12 बजे विपुल ने आशीष को फ्लैट पर जाने के लिए बोल दिया और वह सोसायटी के मेन गेट के पास बने मंदिर के सामने बेंच पर बैठा हुआ था। आशीष जब फ्लैट पर पहुंचा तो रूम पार्टनर जिसका नाम आशीष नहीं जानता वह पढ़ रहा था। विपुल की बुआ का लड़का आदित्य भी फ्लैट पर आ गया और सो गया।
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आशीष का कहना है कि रात करीब साढ़े तीन बजे उसके पास विपुल आया और उसे नींद से जगाया। विपुल ने उससे कहा कि दीप्ति के भाई रंजय का फोन आया है। दीप्ति के पिता ने बात करने के लिए बुलाया है। सातवीं मंजिल से विपुल और आशीष लिफ्ट से 14वीं मंजिल तक पहुंचे, इसी बीच विपुल ने दीप्ति के भाई को फोन किया तो उसने कहा कि सीधे अंदर आ जाएं।
कमरे में घुसते ही विपुल को पड़ा थप्पड़
इसी बीच गैलरी में पीजी से एक लड़की आई और उसने विपुल से कहा कि दीप्ति के पिता ने अंदर ही बुलाया है। कमरे में घुसते ही दीप्ति के पिता राजेश ने विपुल के थप्पड़ मार दिया। आशीष और विपुल कुछ समझ पाते तभी आरोपित ने कमर के पीछे हाथ डालकर पिस्टल निकाली और विपुल पर फायर कर दिए।
आशीष इससे घबरा गया और तेजी से सीढ़ियों की तरफ भागा। आशीष का कहना है कि भागने से पहले ही आरेापित ने उसकी तरफ पिस्टल की थी इसी बीच वह भाग लिया। उसे ध्यान है कि एक गोली उसके भी मारी गई, लेकिन जीने की तरफ मुड़ने की वजह से गोली उसके नहीं लगी।
आशीष तेजी से सीढ़ियों की तरफ भागा
आशीष भागते हुए सीढ़ियों से ही भूतल तक हांफते हुए तेजी से उतरा। भूतल पर उसे चैनल लगा मिला तो वह घबरा गया इसके बाद पैदल ही तीसरी मंजिल तक पहुंचा। आशीष का कहना है कि उसने लिफ्ट का प्रयोग इसलिए नहीं किया कि कहीं आरोपित उसे तलाशते हुए लिफ्ट से ही नीचे न आ रहा हो।
तीसरी मंजिल से फिर आशीष भूतल पर सीढ़ियों से आया और अभिषेक को फोन कर घटना की जानकारी देते हुए सोसायटी के मेन गेट तक पहुंचा, लेकिन वहां उसे आरोपित राजेश और उसकी बेटी दीप्ति दिखे तो वह वापस सोसायटी में अंदर की तरफ भागा।
विपुल के दोस्त अभिषेक का कहना है कि दो महीने बाद कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट शुरू होने थे। विपुल को उम्मीद थी कि उसका चयन अच्छी कंपनी में हो जाएगा।