आश्रय स्थल में भूखे पेट रह रहे बेसहारा गोवंश

संवाद सहयोगी भोगनीपुर मलासा ब्लाक के तीन गांवों में गोवंश आश्रय स्थल तो खुलवा दिए गए है लेि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Mar 2019 06:36 PM (IST) Updated:Wed, 20 Mar 2019 06:36 PM (IST)
आश्रय स्थल में भूखे पेट रह रहे बेसहारा गोवंश
आश्रय स्थल में भूखे पेट रह रहे बेसहारा गोवंश

संवाद सहयोगी, भोगनीपुर : मलासा ब्लाक के तीन गांवों में गोवंश आश्रय स्थल तो खुलवा दिए गए है, लेकिन बहरई गांव में बने गोवंश आश्रय स्थल में बंद पशुओं के चारे की व्यवस्था न होने से भूखे पेट रह रहे हैं।

मलासा ब्लाक के बहरई, निगोही व तुर्कीमऊ गांव में गोवंश आश्रय स्थल बनवा दिए गए है। निगोही व तुर्कीमऊ गांव में बने गोवंश आश्रय स्थल में अभी तक कोई गोवंश नहीं आए हैं। लेकिन बहरई गांव में बने गोवंश आश्रय स्थल में एक सप्ताह पूर्व लाए गए डेढ़ दर्जन से अधिक गोवंशों को चारे की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे गोवंश भूखे पेट रह रहे हैं। बहरई की ग्राम प्रधान बेबी देवी ने बताया कि खेतों में खड़ी फसले उजाड़ रहे डेढ़ दर्जन से अधिक बेसहारा पशुओं को कुछ ग्रामीणों ने एक सप्ताह पूर्व गोवंश आश्रय स्थल में बंद करा दिया था, लेकिन पशुओं को चारे के लिए सरकारी धन न मिल पाने से उन्हें चारा खिलाने की समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है। हालांकि निजी धन से लाही का सूखा भूसा मंगाकर पशुओं का पेट भरने की जुगाड़ की गई है। एडीओ पंचायत रामप्रकाश पाठक ने बताया कि कार्य की व्यस्तता के कारण बहरई गोवंश आश्रय स्थल में बंद पशुओं के चारे के लिए ग्राम प्रधान को सरकारी धन उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। जल्द ग्राम प्रधान के साथ खाता खोलकर पशुओं के चारा के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा। एसडीएम राजीव राज ने बताया कि गोवंश आश्रय स्थल में आने वाले बेसहारा पशुओं को चारे के लिए शासन से मिला धन बीडीओ मलासा को भेज दिया गया है। विकास विभाग द्वारा गोवंश आश्रय स्थल के पशुओं को चारे के लिए धन उपलब्ध न कराना लापरवाही का प्रतीक है। इस बावत बीडीओ से जवाब तलब कर कार्रवाई की जाएगी।

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