यूपीसीए के वर्चुअल चुनाव को लेकर बागी गुट पर मंडरा रहे संकट के बादल, सता रहा यह डर

यूपीसीए 15 फरवरी को अध्यक्ष सचिव उपाध्यक्ष और एपेक्स सदस्यों का चुनाव वर्चुअल कराने जा रहा है। इसमें पहले की तरह वर्चुअल रूप से हुई बैठक और आमसभा की तरह माइक बंद न कर दिया जाए। इसका डर बागी गुट के सदस्यों को सता रहा है।

By Abhishek VermaEdited By: Publish:Sun, 23 Jan 2022 03:48 PM (IST) Updated:Sun, 23 Jan 2022 03:48 PM (IST)
यूपीसीए के वर्चुअल चुनाव को लेकर बागी गुट पर मंडरा रहे संकट के बादल, सता रहा यह डर
उप्र क्रिकेट एसोसिएशन में चुनाव 15 फरवरी को वर्चुअल होंगे।

कानपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के इतिहास में पहली बार लगभग 42 वर्षों के बाद होने वाले वर्चुअल चुनाव को लेकर बागी गुट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। उप्र क्रिकेट एसोसिएशन में चुनाव 15 फरवरी को वर्चुअल होंगे। इसमें पहले की तरह वर्चुअल रूप से हुई बैठक और आमसभा की तरह माइक बंद न कर दिया जाए। इसका डर बागी गुट के सदस्यों को सता रहा है। हालांकि बागी गुट तीन फरवरी को होने वाली हाई कोर्ट की सुनवाई के बाद ही चुनाव को लेकर कोई रणनीति बनाएगा।

हाल में यूपीसीए की ओर से सभी 96 सदस्यों को नोटिस जारी कर दिया गया है। लगभग 42 वर्षों के बाद उप्र क्रिकेट में नए अध्यक्ष, सचिव, उपाध्यक्ष और एपेक्स के दो रिक्त पदों पर वर्चुअल चुनाव आयोजित कराए जाएंगे। जो चुनाव नवनियुक्त चुनाव अधिकारी एके ज्योति की देखरेख में संपन्न होंगे। पिछले एक वर्ष से यूपीसीए और एपेक्स के बागी सदस्यों के बीच चुनाव और एजेंडे को लेकर विवाद चल रहा था। इसमें हर बार चुनाव की बात प्रमुखता से रखी जाती रही है। इसको लेकर यूपीसीए के आला आलाधिकारियों ने बोर्ड आफ डायरेक्टर की मीटिंग बुलाकर चुनाव की फाइनल रूपरेखा तय की। हालांकि यूपीसीए की ओर से चुनाव की जानकारी मिलने के बाद सभी सदस्यों में खुश हुए। परंतु जब उन्हें इस बार का पता चला कि चुनाव वर्चुअल रूप से कराए जाएंगे तो कई सदस्यों पर संकट के बादल मंडराने लगे। यूपीसीए की ओर से बताया कि वर्चुअल मीटिंग के जरिए रिक्त पदों पर सदस्यों का चयन किया जाएगा। इसमें स्वर्गीय यदुपति सिंघानिया के निधन के बाद रिक्त हुए अध्यक्ष पद, उपाध्यक्ष पद और सचिव पद पर नामांकन चुनाव अधिकारी के निर्देश पर कराए जाएंगे।

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