शहर में बढ़ गया खौफनाक कुत्तों के आतंक, जख्मी होकर अस्पताल पहुंच रहे शहरवासी Kanpur News
एक लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते शहर के लोगों की मुसीबत बने पीछा करने से गिरकर घायल हो रहे बाइक सवार।
कानपुर, जेएनएन। रामादेवी के सतीश शंकर गुरुवार को रात 11 बजे अपने घर लौट रहे थे। मोहल्ले में कुत्तों ने बाइक का पीछा कर लिया। डर के मारे वह भागे और फिसल कर गिर गए। उन्हें गहरी चोटें आईं। मरियमपुर चौराहे के पास आजाद नगर के अंकुर त्रिवेदी का भी कुछ यही हाल हुआ। उनके हाथ में प्लास्टर चढऩे की नौबत आ गई। आजाद पार्क में सुबह पांच बजे मार्निंग वॉक के लिए जाने वाले विपिन भाटिया को एक दिन कुत्तों ने ऐसा दौड़ाया कि वह कई दिन नहीं निकले। फिर आना शुरू किया तो एक लंबी छड़ी लेकर आते हैं।
शहर में ऐसी कम से कम एक हजार घटनाएं रोज होती हैं। इससे लोग खौफजदा हैं। बस इन घटनाओं का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है लेकिन शहर के सरकारी अस्पतालों में रोज करीब 350 से ज्यादा लोग कुत्ते के काटने का शिकार होकर पहुंचते हैं। ये हालात चिंताजनक है। हर मोहल्ले में 10-20 आवारा कुत्ते घूमते मिल ही जाते हैं। शहर में इनकी संख्या एक लाख से भी ज्यादा है।
इसलिए इनका खौफ नागरिकों के सिर चढ़कर बोल रहा है। मगर वह मजबूर हैं, क्योंकि जिस नगर निगम को इन कुत्तों से शहर को निजात दिलानी है। वह कान में तेल डाले सो रहा है। कई साल से नगर निगम दावा तो कर रहा है कि कुत्तों का बंध्याकरण कराया जाएगा लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है। इसके लिए अस्पताल बनाने, एजेंसी तलाश करने सब काम पूरे हो चुके हैं तो साहब इसे शुरू भी करिए। ऐसा भी नहीं कि निगम तक ये शिकायतें पहुंचती नहीं हैं। रोज दर्जनों शिकायतें आती हैं, मगर उन्हें गंभीरता से सुना नहीं जाता। नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि अस्पताल तैयार हो गया है, शासन बजट दे रहा है। जनवरी माह से एजेंसी कुत्तों के बंध्याकरण का काम शुरू कर देगी।
इन इलाकों में कुत्तों का खौफ ज्यादा
गांधीनगर, मरियमपुर चौराहा, शास्त्रीनगर, पीरोड, विजयनगर, श्यामनगर, दर्शनपुरवा, राजा पुरवा, फजलगंज, कोपरगंज, अशोकनगर, नौघड़ा, जनरलगंज, मेस्टन रोड, परमट, नवाबगंज।