39 करोड़ के गबन में ब्रह्मावर्त कोऑपरेटिव बैंक के सीईओ समेत 13 पर मुकदमा Kanpur News

वर्ष 2008 में खुला था बैंक अनियमितता उजागर होने पर आरबीआइ ने 2018 में निरस्त कर दिया था लाइसेंस।

By AbhishekEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 10:15 AM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 04:56 PM (IST)
39 करोड़ के गबन में ब्रह्मावर्त कोऑपरेटिव बैंक के सीईओ समेत 13 पर मुकदमा Kanpur News
39 करोड़ के गबन में ब्रह्मावर्त कोऑपरेटिव बैंक के सीईओ समेत 13 पर मुकदमा Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। ब्रह्मावर्त कोऑपरेटिव बैंक में हुई अनियमितता मामले में बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) व उप महाप्रबंधक समेत 13 व्यक्तियों के खिलाफ गोविंदनगर थाने में धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि प्रबंधक व कर्मचारियों ने मिलकर खाता धारकों के करीब 39 करोड़ रुपये का घोटाला किया।

आरबीआइ ने बैंक में अनियमितताएं उजागर होने के कारण तीन जुलाई 2018 को बैंक का लाइसेंस निरस्त कर कामकाज पर रोक लगा दी थी। सात जुलाई को आरबीआइ के निर्देश पर सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त को लिक्विडेटर नियुक्त किया गया था ताकि खाताधारकों को बैंक की संपत्तियों की नीलामी व बिक्री कर जमा धन वापस दिलाया जा सके और क्षतिपूर्ति दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। इसी बीच सहकारिता विभाग ने अपर जिला सहकारी अधिकारी उमेश कुमार राठौर की अध्यक्षता में सहकारी निरीक्षक सुरेंद्र वर्मा व अरविंद कुमार सिंह की समिति बनाकर जांच के निर्देश दिए थे।

अध्यक्ष के मुताबिक अब जांच में सामने आया है कि रतनलाल नगर निवासी बैंक के सचिव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशुतोष कुमार मिश्रा, उनकी पत्नी व बैंक की उपमहाप्रबंधक किरण मिश्रा, सहायक महाप्रबंधक बेटे गौरव मिश्रा व उनके साथ ही बैंक के अधिकारी दिनेश कुमार दीक्षित, विजय प्रताप सिंह, केएस त्रिपाठी, संजय त्रिपाठी, संजीव बाजपेई, विनोद कुमार गंगवार, गिरीश अवस्थी, चंद्रमोहन पांडेय, सत्यजीत अवस्थी, अतुल शुक्ला ने 38,99,09,153 रुपये की धोखाधड़ी व वित्तीय अनियमितता की।

दस वर्ष में भारी अनियमितता ने बंद कराया बैंक

वर्ष 2008 में बैंक खुलने के कुछ समय बाद ही यह विवादों में घिर गया था। शहर ही नहीं आसपास जिलों के लोगों ने भी इसमें अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई जमा की थी लेकिन वर्ष 2015 में अचानक बैंक के अधिकारियों ने वित्तीय संकट दिखाना शुरू कर दिया। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए और 31 हजार खाताधारकों के करीब 45 करोड़ रुपये फंस गए।

खर्च घटाने के लिए तीन शाखाओं का हुआ था विलय

रतनलाल नगर स्थित बैंक के मुख्यालय सहित बैंक की शहर में नौ शाखाएं थीं। लेकिन दो वर्ष पूर्व खर्च घटाने के निर्देश होने पर तीन शाखाओं का विलय किया गया था। इसके बाद केवल छह शाखाएं रतनलाल नगर के अलावा यशोदा नगर, काकादेव, डिप्टी पड़ाव, बारादेवी, बर्रा आठ में थीं। पिछले साल आरबीआइ की ओर से लाइसेंस निरस्त होने पर ये सभी शाखाएं भी बंद हो गईं।

इनका ये है कहना

उच्चाधिकारियों के आदेश पर बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी समेत 13 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। दस्तावेजों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

-आलोक सिंह, सीओ गोविंदनगर

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