उन्नाव में मगरवारा स्टेशन के पास पलटने से बची साबरमती एक्सप्रेस
रेल पटरी पर झटका महसूस करते ही लोको पायलट ने रोक दी ट्रेन। घटना का पता लगते ही रेल पथ विभाग के इंजीनियरों ने पहुंचकर की जांच।जांच में कोई कमी नहीं मिली।
कानपुर (जेएनएन)। अहमदाबाद से वाराणसी जा रही साबरमती एक्सप्रेस शनिवार देर रात मगरवारा स्टेशन पर पलटते बच गई। रेल पटरी से गुजरते समय झटका महसूस होने पर लोको पायलट ने ट्रेन को रोक दिया। गार्ड ने स्टेशन मास्टर को जानकारी दी। रेल पथ विभाग के इंजीनियर को सूचित किया गया। मगरवारा पहुंचे जूनियर इंजीनियर ने पटरी के उस हिस्से की जांच की और ट्रेन को कॉशन देकर धीमी गति से उन्नाव रवाना किया गया।
शनिवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे उन्नाव आ रही साबरमती एक्सप्रेस के लोको पायलट ने मगरवारा स्टेशन के पास पटरी पर झटका महसूस किया। इसके बाद चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। उसके रुकते ही पीछे आ रही ट्रेनों को गंगाघाट स्टेशन के पास रोका गया। केबिनमैन ने स्टेशन मास्टर से घटना की जानकारी की। इसके बाद डाउन लाइन की पटरी पर ट्रेनों का आवागमन रोका गया।
परिचालन कंट्रोल को पूरा घटनाक्रम बताया गया। करीब 25 मिनट तक ट्रेन मगरवारा में रुकी रही। स्टेशन मास्टर मगरवारा ने स्टेशन अधीक्षक उन्नाव विश्राम को जानकारी दी। इसके बाद पीडब्ल्यूआइ विकास कुमार ने जूनियर इंजीनियर विमल कुमार को भेजा। करीब आधा दर्जन कर्मियों को लेकर विमल कुमार मगरवारा पहुंचे। उन्होंने ट्रेन चालक को कॉशन देकर उन्नाव रवाना किया और पीछे की ट्रेनों को भी हरी झंडी दी। इसके बाद पटरी पर झटका लगने वाले हिस्से को ढूंढना शुरू कराया। रविवार सुबह तक रेलवे कर्मी पटरी की जांच करते रहे। जूनियर इंजीनियर रेल पथ विमल कुमार ने बताया कि पटरी पर जर्क महसूस होने पर लोको पायलट ने ट्रेन रोकी थी, जांच में कोई कमी नहीं मिली।
शनिवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे उन्नाव आ रही साबरमती एक्सप्रेस के लोको पायलट ने मगरवारा स्टेशन के पास पटरी पर झटका महसूस किया। इसके बाद चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। उसके रुकते ही पीछे आ रही ट्रेनों को गंगाघाट स्टेशन के पास रोका गया। केबिनमैन ने स्टेशन मास्टर से घटना की जानकारी की। इसके बाद डाउन लाइन की पटरी पर ट्रेनों का आवागमन रोका गया।
परिचालन कंट्रोल को पूरा घटनाक्रम बताया गया। करीब 25 मिनट तक ट्रेन मगरवारा में रुकी रही। स्टेशन मास्टर मगरवारा ने स्टेशन अधीक्षक उन्नाव विश्राम को जानकारी दी। इसके बाद पीडब्ल्यूआइ विकास कुमार ने जूनियर इंजीनियर विमल कुमार को भेजा। करीब आधा दर्जन कर्मियों को लेकर विमल कुमार मगरवारा पहुंचे। उन्होंने ट्रेन चालक को कॉशन देकर उन्नाव रवाना किया और पीछे की ट्रेनों को भी हरी झंडी दी। इसके बाद पटरी पर झटका लगने वाले हिस्से को ढूंढना शुरू कराया। रविवार सुबह तक रेलवे कर्मी पटरी की जांच करते रहे। जूनियर इंजीनियर रेल पथ विमल कुमार ने बताया कि पटरी पर जर्क महसूस होने पर लोको पायलट ने ट्रेन रोकी थी, जांच में कोई कमी नहीं मिली।