एचबीटीयू में 30 फीसद शोध पर नहीं हुआ काम

एचबीटीयू विश्वविद्यालय में रिसर्च डॉक्टोरल कमेटी ने निरीक्षण किया।दो साल और तीन साल से पीएचडी कर रहे छात्रों की शोध रिपोर्ट अपूर्ण मिली। उन्हें हिदायत दी गई।

By AbhishekEdited By: Publish:Mon, 17 Sep 2018 05:11 PM (IST) Updated:Mon, 17 Sep 2018 05:11 PM (IST)
एचबीटीयू में 30 फीसद शोध पर नहीं हुआ काम
एचबीटीयू में 30 फीसद शोध पर नहीं हुआ काम

कानपुर (जागरण संवाददाता)। एचबीटीयू में 30 फीसद शोध पर काम नहीं हुआ है। उस पर मेहनत करने में ढिलाई बरती गई है। ऐसे पीएचडी छात्रों को रिसर्च डॉक्टोरल कमेटी (शोध डॉक्टरेट समिति) ने हिदायत देकर सही तरह से शोध पूरा करने के लिए कहा है।

विश्वविद्यालय में शुक्रवार और शनिवार को रिसर्च डॉक्टोरल कमेटी ने निरीक्षण किया। इसमें आइआइटी कानपुर, रुड़की, दिल्ली के प्रोफेसरों ने शोध पत्रों की जांच की। एचबीटीयू में इस साल 32 छात्रों ने पीएचडी में दाखिला लिया है, जबकि 34 छात्र पहले से पीएचडी कर रहे हैं। आइआइटी कानपुर से प्रो. जे रामकुमार, प्रो. संजीव गर्ग, प्रो. सुधीर मिश्रा, दिल्ली से प्रो. सुभाष चंद्र, रुड़की से प्रो. आरएम गोयल आदि ने बारी बारी से शोध पत्रों की जांच की। कमेटी में कुलपति प्रो. एनबी सिंह और विवि की फैकल्टी भी मौजूद रही।

निरीक्षण के दौरान दो साल और तीन साल से पीएचडी कर रहे छात्रों की शोध रिपोर्ट अपूर्ण मिली। उन्हें हिदायत दी गई। डीन रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रो. रीना सिंघल ने बताया कि यह सामान्य प्रक्रिया है। छात्रों को उनके प्रोजेक्ट की बेहतरी के बारे में जानकारी दी गई है। इस साल पेंट, प्लास्टिक, फिजिक्स और लेदर में एक भी पीएचडी के छात्र ने दाखिला नहीं लिया है।

बनाए जाएंगे मीटिंग मिनट्स

बैठक की रिपोर्ट और उसमें दिए गए निर्देशों के मीटिंग मिनट्स बनाए जाएंगे। इससे पूर्व जनवरी माह में समिति की बैठक हो चुकी है। करीब आधा दर्जन छात्रों को ग्रांट मिलना बंद हो गई है। जिसकी वजह से उनका शोध कार्य रुक गया है। विवि प्रशासन उन्हें टेक्यूप के सहयोग से ग्रांट मुहैया कराएगा।

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