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यूपी के इस शहर में अवैध निर्माण पर बढ़ेगी सख्ती, हर माह सील होंगे 80 निर्माण

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने संबंधित अधिशासी अभियंता सहायक अभियंता एवं अवर अभियंताओं से पूर्व से अब तक सीलबंद किए गए निर्माण की सूची मांगी है। इस सूची में दर्ज विवरण में से विनियमित क्षेत्र का विवरण अलग किया जाएगा। तालिका बना कर शमन के सापेक्ष वास्तवित डिमांड एवं वास्तविक जमा को अलग अलग दर्ज किया जाएगा ताकि बकाया की वास्तविक स्थिति साफ हो सके।

By Arun Chand Edited By: Vivek Shukla Published: Mon, 29 Apr 2024 09:23 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 09:23 AM (IST)
जीडीए उपाध्यक्ष ने गत दिवस प्राधिकरण के वाद अनुभाग की समीक्षा की थी।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अवैध निर्माण को लेकर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) एक बार फिर अभियान चलाकर सख्ती करने जा रहा है। हर महीने प्राधिकरण के सभी चार जोन में 20-20 यानी कुल 80 अवैध निर्माण चिन्हित कर नोटिस, सीलबंदी और ध्वस्तीकरण जैसी कार्रवाई का लक्ष्य तय किया गया है।

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उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन खुद हर महीने कार्रवाई की समीक्षा करेंगे। निगरानी की जिम्मेदारी प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह और अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार को दी गई है।

जीडीए उपाध्यक्ष ने गत दिवस प्राधिकरण के वाद अनुभाग की समीक्षा की थी। इस दौरान अवैध निर्माण पर कार्रवाई की गति धीमी पाए जाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए अवैध निर्माण को चिन्हित कर हर माह कम से कम 20 अवैध निर्माण जोनवार सीलबंद करने का लक्ष्य तय कर दिया।

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इसके अलावा प्राधिकरण, विभिन्न मानचित्र शिविर में स्वीकृत मानचित्रों के संबंध में जारी किए गए डिमांड नोटिस के अनुसार बकाएदारों को बुला कर, उनसे वार्ता की जाएगी और बकाया धनराशि जमा कराने के लिए अभियान चलाएगा। बकाया नहीं जमा करने वालों का मानचित्र निरस्त किया जाएगा।

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सीलबंद निर्माण कार्यों की मांगी सूची

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने संबंधित अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता एवं अवर अभियंताओं से पूर्व से अब तक सीलबंद किए गए निर्माण की सूची मांगी है। इस सूची में दर्ज विवरण में से विनियमित क्षेत्र का विवरण अलग किया जाएगा। तालिका बना कर शमन के सापेक्ष वास्तवित डिमांड एवं वास्तविक जमा को अलग अलग दर्ज किया जाएगा ताकि बकाया की वास्तविक स्थिति साफ हो सके।

गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने कहा कि अवैध निर्माण के खिलाफ सख्ती जारी रहेगी। अभियान चलाकर बिना मानचित्र निर्माण कराने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। लोगों से अपील है कि वे मानचित्र स्वीकृत कराकर ही निर्माण कराएं।


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