मानवता को धर्म मान लें तो मंदिर-मस्जिद का झगड़ा हो जाएगा खत्म

गुरु नानक देव ने मानवता को ही सबसे बड़ा धर्म बताया। उन्होंने कहा था कि मानवता को धर्म बना लो मंदिर-मस्जिद का झगड़ा अपने आप खत्म हो जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 01:41 AM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 06:12 AM (IST)
मानवता को धर्म मान लें तो मंदिर-मस्जिद का झगड़ा हो जाएगा खत्म
मानवता को धर्म मान लें तो मंदिर-मस्जिद का झगड़ा हो जाएगा खत्म

जागरण संवाददाता, कानपुर : गुरु नानक देव ने मानवता को ही सबसे बड़ा धर्म बताया। उन्होंने कहा था कि मानवता को धर्म बना लो, मंदिर-मस्जिद का झगड़ा अपने आप खत्म हो जाएगा। सोमवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित जागरण विमर्श पर 'करतार पुर कॉरीडोर खुलने के क्या मायने' विषय पर बोलते हुए श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान हरविंदर सिंह लार्ड ने ये बातें कहीं।

उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव सिखों के प्रथम गुरु हैं। जीवनकाल में उन्होंने हरिद्वार, कश्मीर, लंका, मक्का और मदीना के साथ कई हिस्सों में भ्रमण किया और संदेश दिया। अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष वह करतारपुर में रहे। गुरु नानक देव कहते थे कि हम भले ही किसी भी मजहब के हों लेकिन सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है। हमे सभी धर्मो का सम्मान करना चाहिए। यही कारण है कि हिदू और मुसलमान दोनों उनके भक्त थे। मुसलमान उन्हें पीर और हिदू बाबा नानक कहते थे। उनके अंतिम समय में हिदू और मुसलमान भक्तों के बीच विवाद हुआ तो उनका शव फूलों में तब्दील हो गया। दोनों ने आधे-आधे फूल बांट लिये। करतारपुर में पहले दो मंजिला छोटी सी बिल्डिंग थी। जहां मजार और गुरुद्वारा साथ-साथ थे। यह इस बात का प्रमाण है कि हिदू- मुसलमान एक ही जगह पूजा व आराधना करते थे। आज भी यहां कोई भी जाता है तो उसे मन की शांति प्राप्त होती है। खुद पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि पहले मुझे करतारपुर की महत्ता की जानकारी नहीं थी। जब मैं यहां आया तो मेरी आस्था बढ़ गई। अब यहां भव्य गुरुद्वारा बन गया है। आसपास के खेत भवनों में तब्दील हो चुके हैं।

गुरु नानक देव की महत्ता बताते हुए उन्होंने गुरुद्वारा पंजा साहब और वली कंदारी की कथा बतायी। बोले, गुरु नानक देव गरीब और अमीर में कोई अंतर नहीं करते थे। पंगत में लंगर की शुरुआत उन्होंने इसी के चलते की। आज भी लंगर में सभी एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। करतारपुर कॉरीडोर पर पाकिस्तान के रवैये पर बोले यह सिखों का मक्का मदीना है। इस पर पाक प्रधानमंत्री को राजनीति नहीं करनी चाहिए। हम देशभक्त हैं। हमारे लिये देश महत्वपूर्ण है बाकी सब बाद में। वह कोई चाल चल रहे हैं तो दो से तीन माह में सब सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि दर्शनार्थियों के लिए पासपोर्ट और 1400 रुपये फीस पाकिस्तान सरकार को समाप्त करनी चाहिए। करतारपुर कॉरीडोर खुलने से पाक को व्यापारिक तौर पर फायदा होगा। संभावना जतायी कि भविष्य में दोनों देशों के बीच खाई खत्म हो सकती है। क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की भूमिका पर बोले वह दोस्ती निभाने गए थे। शायद इमरान खान से उनकी दोस्ती दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों की दिशा में काम कर जाए।

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