सब खुला है तो कचहरी क्यों बंद

न्यायालय परिसर को कंटेनमेंट जोन मुक्त घोषित किए जाने को लेकर अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 08:36 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 08:36 AM (IST)
सब खुला है तो कचहरी क्यों बंद
सब खुला है तो कचहरी क्यों बंद

जागरण संवाददाता, कानपुर : न्यायालय परिसर को कंटेनमेंट जोन मुक्त घोषित किए जाने को लेकर अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर वकीलों ने पूछा जब शहर में सब कुछ खोल दिया गया है, तो कचहरी क्यों बंद है? अधिवक्ताओं ने जल्द कचहरी खोलने की मांग की।

बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नरेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि प्रशासन ने शहर में सभी गतिविधियां शुरू कर दी हैं। सभी बाजार, मॉल, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सरकारी गैर सरकारी सभी कार्यालय खोल दिए गए फिर भी न्यायालय परिसर बंद है। इससे हजारों अधिवक्ता, टाइपिस्ट, मुंशी और स्टांप वेंडर परेशान हैं। साथ ही हजारों वादकारी न्याय से वंचित हो रहे हैं। बावजूद इसके कचहरी परिसर को कंटेनमेंट जोन में रखा गया है। इसे खोलने के लिए अब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं कि गई। नई गाइडलाइन के आधार पर सिविल कोर्ट परिसर को तत्काल कंटेनमेंट जोन मुक्त घोषित किया जाना चाहिए था।

अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति के संयोजक रवींद्र शर्मा ने कहा कि सिविल कोर्ट परिसर में कोई कोरोना संक्रमित नहीं मिला। ऐसे में तत्काल कोर्ट परिसर को कंटेनमेंट जोन से मुक्त किया जाए ताकि पूर्व की भांति कार्य शुरू हो सके। बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अश्वनी आनंद ने कहा यदि तत्काल कोर्ट परिसर को कंटेनमेंट जोन से मुक्त न किया गया तो मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। लायर्स एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री राकेश तिवारी ने जिला प्रशासन से तत्काल कचहरी को कंटेनमेंट मुक्त घोषित करने की मांग की ताकि अधिवक्ताओं के साथ साथ हजारों वादकारियों को भी न्याय सुलभ हो सके। ज्ञापन लेने पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने आश्वासन दिया कि मांगों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। गिरधर द्विवेदी, प्रदीप शुक्ला, नरेश मिश्रा, मनोज द्विवेदी, दिनेश शुक्ला, सोमेंद्र शर्मा, उपेन्द्र सचान, शैलेंद्र दत्त त्रिपाठी, अभय शर्मा, मोहित शुक्ला आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।

धरना

-सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर वकीलों ने पूछा सवाल

-कचहरी न खुलने पर आंदोलन की चेतावनी दी

जागरण संवाददाता, कानपुर : न्यायालय परिसर को कंटेनमेंट जोन मुक्त घोषित किए जाने को लेकर अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर वकीलों ने पूछा जब शहर में सब कुछ खोल दिया गया है, तो कचहरी क्यों बंद है? अधिवक्ताओं ने जल्द कचहरी खोलने की मांग की।

बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नरेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि प्रशासन ने शहर में सभी गतिविधियां शुरू कर दी हैं। सभी बाजार, मॉल, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सरकारी गैर सरकारी सभी कार्यालय खोल दिए गए फिर भी न्यायालय परिसर बंद है। इससे हजारों अधिवक्ता, टाइपिस्ट, मुंशी और स्टांप वेंडर परेशान हैं। साथ ही हजारों वादकारी न्याय से वंचित हो रहे हैं। बावजूद इसके कचहरी परिसर को कंटेनमेंट जोन में रखा गया है। इसे खोलने के लिए अब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं कि गई। नई गाइडलाइन के आधार पर सिविल कोर्ट परिसर को तत्काल कंटेनमेंट जोन मुक्त घोषित किया जाना चाहिए था।

अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति के संयोजक रवींद्र शर्मा ने कहा कि सिविल कोर्ट परिसर में कोई कोरोना संक्रमित नहीं मिला। ऐसे में तत्काल कोर्ट परिसर को कंटेनमेंट जोन से मुक्त किया जाए ताकि पूर्व की भांति कार्य शुरू हो सके। बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अश्वनी आनंद ने कहा यदि तत्काल कोर्ट परिसर को कंटेनमेंट जोन से मुक्त न किया गया तो मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। लायर्स एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री राकेश तिवारी ने जिला प्रशासन से तत्काल कचहरी को कंटेनमेंट मुक्त घोषित करने की मांग की ताकि अधिवक्ताओं के साथ साथ हजारों वादकारियों को भी न्याय सुलभ हो सके। ज्ञापन लेने पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने आश्वासन दिया कि मांगों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। गिरधर द्विवेदी, प्रदीप शुक्ला, नरेश मिश्रा, मनोज द्विवेदी, दिनेश शुक्ला, सोमेंद्र शर्मा, उपेन्द्र सचान, शैलेंद्र दत्त त्रिपाठी, अभय शर्मा, मोहित शुक्ला आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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