हैलट बढ़ा रहा जरूरतमंदों का दर्द

जागरण संवाददाता कानपुर एलएलआर अस्पताल (हैलट) में गरीब एवं जरूरतमंद ही इलाज के लिए आते हैं

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Dec 2019 01:39 AM (IST) Updated:Sat, 28 Dec 2019 06:02 AM (IST)
हैलट बढ़ा रहा जरूरतमंदों का दर्द
हैलट बढ़ा रहा जरूरतमंदों का दर्द

जागरण संवाददाता, कानपुर : एलएलआर अस्पताल (हैलट) में गरीब एवं जरूरतमंद ही इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल प्रशासन ने बजट का टोटा बताकर सभी महंगी जांचें बंद करा दी हैं। पैथालॉजी में जांच कराने के लिए आने वाले मरीजों को लौटा दिया जाता है। ऐसे में जरूरतमंद महंगी जांचें बाहर कराने को मजबूर हैं। जो उनकी जेब पर भारी पड़ रही है।

हैलट पैथालॉजी में थायराइड, विटामिन डी, साइक्लिक सीट्रूलीन एंटीबाडी टेस्ट (एंटी-सीसीपी) एवं मधुमेह (शुगर) का एचबीए1सी जांच (बीते तीन माह का स्तर जानने को) की सुविधा है। इस पैथालॉजी में न्यूनतम शुल्क पर 24 घंटे जांच की सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराई जाती है। यहां हैलट एवं संबद्ध अस्पतालों से मरीज जांच कराने आते हैं। सबसे अधिक जरूरत अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल में इलाज को आई गर्भवती महिलाओं की थायराइड, विटामिन डी और एचबीए1सी जांच कराई जाती है। बजट की कमी का हवाला देते हुए जरूरी एवं महंगी जांचें विगत चार माह से बंद कर दी गई हैं।

शुल्क तालिका

जांच का नाम-हैलट का शुल्क-बाहर का शुल्क

थायराइड (टीएसएच, टी-3, टी-4)- 250-450

विटामिन डी-800-1600

एंटी-सीसीपी-1000-4500

एचबीए1सी-220-600

नोट : शुल्क रुपये में है।

एक नजर

25 लाख रुपये प्रति माह चाहिए बजट

8-10 लाख रुपये प्रति माह मिल रहा

15000 जांच रोज पैथालॉजी में होती

2500-3000 मरीज औसतन रोज जांच कराने आते हैं

600-700 मरीज विशेष जांच के

पैथालॉजी में सिर्फ रुटीन की जांचें हो रही हैं। सभी विशेष जांचें बंद हैं। इसकी वजह पर्याप्त बजट नहीं मिलना है। विशेष जांच के लिए अतिरिक्त बजट की जरूरत है। इसलिए कई बार प्राचार्य को पत्र लिखा है। नए वर्ष से स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

- डॉ. महेंद्र सिंह, विभागाध्यक्ष, पैथालॉजी, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।

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