ठगी के शिकार हुए शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान समूह के चेयरमैन

बीमा कंपनी का कर्मचारी बताकर मैसेज व फोन करने के बाद शातिर ने फर्जी खाते में जमा करा लिये साढ़े पांच लाख रुपये। संस्थान के कर्मचारी ने पुलिस में शिकायत की है।

By AbhishekEdited By: Publish:Thu, 18 Oct 2018 09:13 PM (IST) Updated:Fri, 19 Oct 2018 09:40 AM (IST)
ठगी के शिकार हुए शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान समूह के चेयरमैन
ठगी के शिकार हुए शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान समूह के चेयरमैन

कानपुर(जागरण संवाददता)। शहर के शिक्षण संस्थान समूह के चेयरमैन ठगी का शिकार हो गए। शातिरों ने बीमा किस्त जमा करने के नाम पर 5.40 लाख रुपये हड़प लिए। बीमा कंपनी के नाम से फर्जी खाता खोलकर उसमें पूरी रकम जमा करा ली। चेयरमैन के कर्मचारी ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।

बीमा कंपनी का कर्मचारी बताकर की कॉल

आर्यनगर निवासी सीए आकृति गुप्ता ने बताया कि 11 अक्टूबर को लिपिक दीपक श्रीवास्तव को बीमा कंपनी का कर्मचारी बताकर एक शख्स ने मैसेज व फोन किया और बताया कि चेयरमैन के बीमा की तीन साल की किस्त व उस पर लगे ब्याज के छह लाख रुपये बकाया हैं। साथ ही रिवाइवर पॉलिसी के तहत ब्याज माफ कराने का झांसा दिया। आकृति ने चेयरमैन को बताया और उनके कहने पर किस्त जमा करने के लिए छह लाख रुपये चेयरमैन के खाते से अपने खाते में ट्रांसफर कर उससे 5.40 लाख रुपये बताए गए खाते में आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर किए। लेकिन वह रकम वापस आ गई। बाद में उस व्यक्ति ने 1.80 लाख रुपये की तीन अलग-अलग किस्तों में भुगतान करने के लिए कहा। 16 अक्टूबर को आकृति ने एनईएफटी के जरिए उसी खाते में तीन बार में पैसा ट्रांसफर किया।

ठग ने फर्जी खाते जमा करा ली रकम

उन्होंने बताया कि इंटरनेट के जरिए जब भुगतान की पुष्टि की तो पता लगा कि पॉलिसी की किस्त जमा ही नहीं हुई। फोन करने पर वह व्यक्ति सर्वर व अन्य तकनीकी खामियों का हवाला देने लगा। गुरुवार तक जब किस्त की रसीद नहीं मिली तो आकृति बैंक पहुंचीं। तब पता लगा कि बीमा कंपनी के नाम पर खुला खाता पंजाबी बाग नई दिल्ली निवासी ललित कुमार ऑपरेट कर रहा है और उसने जमा हुई रकम निकाल ली है। कोतवाली सीओ अजय कुमार ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। दिल्ली के संबंधित खाते का ब्योरा निकाला जा रहा है। बीमा कंपनी से भी पूछताछ की जाएगी।

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