पिता-पुत्र ने पानी पर खड़ा किया कामयाबी का महल, जानिए इनकी कहानी Kanpur News
पिता-पुत्र की जोड़ी ने मिलकर 100 से ज्यादा मास्टर प्रदेशस्तरीय व राष्ट्रीय पदक हासिल किए हैं।
कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। क्रिकेट के दीवाने कानपुर में रहने वाले पिता-पुत्र की जोड़ी तैराकी में राष्ट्रीय स्तर पर नए आयाम गढ़ रही है। पिता प्रकाश अवस्थी और पुत्र विकास अब तक 100 से ज्यादा मास्टर, प्रदेशस्तरीय व राष्ट्रीय पदक हासिल कर चुके हैं। वर्तमान में ये जोड़ी नानाराव तरणताल में निश्शुल्क प्रशिक्षण देकर 15 महिला-पुरुष खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय क्षितिज पर पहचान दिला चुके हैं। पिता-पुत्र ने हाल ही में लखनऊ में हुई राष्ट्रीय मास्टर तैराकी में सात राष्ट्रीय पदक जीतकर शहर का मान बढ़ाया।
हरवंश मोहाल में रहने वाले 68 वर्षीय प्रकाश अवस्थी वर्ष 2012 डाक विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने 1965 में अपने चाचा स्वर्गीय रामेश्वर अवस्थी व श्रीकृष्ण अवस्थी से तैराकी के गुर सीखकर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। उनके पास 40 से ज्यादा राष्ट्रीय मास्टर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हैं, वहीं पिता से प्रशिक्षण लेकर 38 वर्षीय विकास ने महज नौ वर्ष की उम्र में तैराकी में पहला पदक हासिल किया। विकास का तैराकी के प्रति लगाव ही था, जिसकी बदौलत उन्होंने छोटी सी उम्र में राष्ट्रीय व प्रदेशस्तरीय प्रतियोगिताओं में न सिर्फ पदक जीते बल्कि खास पहचान बनाई। वह उन्नाव खेल विभाग में कार्यरत हैं।
अब चौथी पीढ़ी छा जाने को तैयार
प्रकाश अवस्थी ने बताया कि चाचा से मुझे फिर मुझसे विकास को तैराकी की प्रतिभा मिली। अब विकास के पुत्र राघव व विनायक तैराकी में दक्ष हो रहे हैं। वह सीबीएसई तैराकी प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर परिवार की इसी शृंखला को आगे बढ़ा रहे हैं।
प्रकाश अवस्थी की उपलब्धियां
विकास अवस्थी का रिकार्ड
2002 : प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ तैराक बने। 2014 : तिरुवनंपुरम में हुई नेशनल तैराकी में स्वर्ण पदक जीता। 2015 : गांधी नगर में हुई नेशनल तैराकी में स्वर्ण पदक जीता। 2016 : पुणे व महाराष्ट्र में हुई दो राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक हासिल किया।