माखी कांड : दुष्कर्म पीडि़ता के पिता का मेडिकल करने वाले डॉक्टर की मौत, सीबीआई जांच में थे गवाह

पीडि़ता के पिता का इलाज करने के दौरान हंसने को लेकर सुर्खियों में आने के बाद निलंबित किए गए थे।

By AbhishekEdited By: Publish:Tue, 14 Jan 2020 12:56 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jan 2020 12:56 PM (IST)
माखी कांड : दुष्कर्म पीडि़ता के पिता का मेडिकल करने वाले डॉक्टर की मौत, सीबीआई जांच में थे गवाह
माखी कांड : दुष्कर्म पीडि़ता के पिता का मेडिकल करने वाले डॉक्टर की मौत, सीबीआई जांच में थे गवाह

उन्नाव, जेएनएन। माखी गांव की दुष्कर्म पीडि़ता के पिता का इलाज करने के दौरान हंसने को लेकर सुर्खियों में आने के बाद कई माह निलंबित रहे डॉ. प्रशांत उपाध्याय की असमय मौत हो गई। सोमवार को अचानक हालत बिगडऩे पर पत्नी उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंची, जहां ईएमओ डॉ. एसके त्रिपाठी ने परीक्षण के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। पत्नी के अनुसार वह काफी समय से शुगर और ब्लडप्रेशर की बीमारी से पीडि़त थे।

मूलत: सुल्तानपुर निवासी डॉ. प्रशांत लखनऊ के राजाजीपुरम ई-ब्लाक में रह रहे थे। साल 2010 में उनकी तैनाती उन्नाव में हुई थी। उसके बाद तीन वर्ष पूर्व उन्हें जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में ईएमओ का जिम्मा मिला था। साल 2018 में हुए माखी कांड की दुष्कर्म पीडि़ता के पिता को पिटाई के बाद जब अस्पताल लाया गया तो उस समय ईएमओ ड्यूटी पर रहे डॉ. प्रशांत ने इलाज किया था।

इस दौरान हंसते हुए वीडियो वायरल होने पर उन्हें शासन ने निलंबित कर दिया था। आठ माह पूर्व उन्हें बहाल कर ईएमओ फतेहपुर बनाया गया था। तबसे वह पत्नी गरिमा और इकलौते पुत्र विहान के साथ यहां मोहल्ला मोतीनगर में रह रहे थे। गरिमा के मुताबिक पति काफी दिनों से शुगर, ब्लड प्रेशर और किडनी की बीमारी से पीडि़त थे। करीब एक माह से अवकाश पर थे। आज सुबह सांस लेने में तकलीफ होने पर उनकी हालत बिगड़ी। जिला अस्पताल लाने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मल्टी ऑर्गन फेल्योर से हुई मौत

दिवंगत डॉ. प्रशांत के शव का दो डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मल्टी ऑर्गन फेल्योर होने से मौत होने की पुष्टि हुई है। फेफड़ों और पेट में पानी के अलावा एनीमिया और हार्ट बढ़ा मिला है। सेप्टीसीमिया भी पाया गया है।

दुष्कर्म पीडि़ता के पिता की हत्या में थे सीबीआई गवाह

माखी कांड की दुष्कर्म पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले में मृत डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय सीबीआई के गवाह भी थे। अस्पताल सूत्रों के अनुसार दुष्कर्म पीडि़ता के पिता के साथ की गई मारपीट के बाद जब उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए इलाज को जिला अस्पताल लाया था तो पहले दिन डॉ. प्रशांत की ही ईएमओ ड्यूटी थी। उन्होंने उसका मेडिकल किया था।

सीबीआई ने उनसे कई चक्र में मेडिकल को लेकर पूछताछ की थी। सीबीआई की सिफारिश पर ही विभागीय जांच के बाद उन्हें निलंबित किया गया था। हालांकि जांच के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया था। सूत्रों के अनुसार दुष्कर्म पीडि़ता के मृत पिता का उन्होंने मेडिकल किया था इससे सीबीआई ने उन्हें गवाह बनाया था। वह पूर्व में सीबीआई के तलब करने पर कई बार दिल्ली भी जा चुके हैं।

स्वास्थ्य महकमे में शोक की लहर

जिले में करीब आठ वर्ष तक तैनात रहे डॉ. प्रशांत की मौत की सूचना से स्वास्थ्य महकमे में शोक की लहर दौड़ गई। सीएमओ डॉ.आशुतोष, कार्यकारी सीएमएस डॉ. एसएन गुप्ता समेत जिला अस्पताल के साथ अन्य चिकित्सकों ने रोती बिलखती पत्नी, बेटे व भाई निशांत को ढांढस बंधाया।

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