हैलट और उर्सला में सामान्य मरीजों के साथ ही डेंगू मरीजों का हो रहा इलाज

रोजाना आ रहे मरीज अब तक नहीं बनाया गया अलग वार्ड। सामान्य मरीजों के साथ भर्ती। दूसरे लोगों के संक्रमित होने का लगातार बढ़ रहा खतरा। डेंगू को लेकर अलर्ट जारी क रने के बाद भी अस्पतालों में अब तक अलग डेंगू वार्ड नहीं बनाया गया है।

By ShaswatgEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 12:11 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 12:11 PM (IST)
हैलट और उर्सला में सामान्य मरीजों के साथ ही डेंगू मरीजों का हो रहा इलाज
अस्पतालों में अब तक अलग डेंगू वार्ड नहीं बनाया गया है।

कानपुर, जेएनएन। जिले में डेंगू का कहर बढऩे के साथ ही रोज ही अस्पतालों मरीज भर्ती हो रहे हैं। हैलट और उर्सला अस्पताल में प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हो रहे हैं। उसके बावजूद अस्पताल प्रशासन लापरवाही में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। जिलाधिकारी एवं सीएमओ की तरफ से डेंगू को लेकर अलर्ट जारी क रने के बाद भी अस्पतालों में अब तक अलग डेंगू वार्ड नहीं बनाया गया है। सामान्य मरीजों के साथ ही डेंगू मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।

जिले में डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए जिलाधिकारी आलोक तिवारी एवं सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा ने अलर्ट जारी किया था। सरकारी एवं निजी अस्पतालों में डेंगू की जांच, संक्रमितों की सूचना देने और इलाज की मुकम्मल व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। उसके बाद भी आज तक किसी भी अस्पताल में अलग डेंगू वार्ड नहीं बनाया गया है। हैलट अस्पताल में रोजाना 4-5 डेंगू संक्रमित भर्ती हो रहे हैं। इसी तरह उर्सला अस्पताल में रोजाना एक-दो मरीज आ रहे हैं। डेंगू मरीजों को सामान्य मरीजों के साथ ही भर्ती करके इलाज किया जा रहा है।

संक्रमित होने का खतरा

डेंगू संक्रमित मरीजों के साथ दूसरे मरीजों को भर्ती करने पर उनके भी संक्रमित होने का खतरा रहता है। वार्डें में मच्छर जब डेंगू संक्रमित को काटने के बाद सामान्य मरीजों को काटते हैं तो वह भी संक्रमित होने लगते हैं। इसलिए डेंगू मरीजों को अलग वार्ड में मच्छरदानी लगाकर रखा जाता है।

इनका ये है कहना कोरोना मरीजों के लिए अलग व्यवस्था की गई थी। अब कोरोना के मरीज कम हुए हैं, लेकिन शासन ने वार्ड अभी बंद नहीं करने का निर्देश दिया है। इसलिए डेंगू मरीजों के लिए ओपीडी ब्लॉक के तीसरे तल में अलग आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है। - डॉ. एके सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, उर्सला अस्पताल। हैलट में जैसे-जैसे सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। मरीजों का दबाव बढऩे लगा है। दो कोविड हॉस्पिटल, इमरजेंसी, सेमी इमरजेंसी व ओपीडी चलाई जा रही हैं। मेडिसिन विभाग में रेजीडेंट की संख्या भी सीमित है। अब डेंगू मरीज भी भर्ती होने लगे हैं। अलग डेंगू वार्ड बनाने की व्यवस्थ की जा रही है। - प्रो. रिचा गिरि, उप प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।

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