परीक्षा में परिवर्तन से घटी परीक्षार्थियों की भीड़

कानपुर, जागरण संवाददाता: छह फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्ष्

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jan 2018 08:31 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jan 2018 08:31 PM (IST)
परीक्षा में परिवर्तन से घटी परीक्षार्थियों की भीड़
परीक्षा में परिवर्तन से घटी परीक्षार्थियों की भीड़

कानपुर, जागरण संवाददाता: छह फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए इस बार जिस तरह का कार्यक्रम तैयार किया है, उससे दोनों पालियों की परीक्षा में केंद्रों पर परीक्षार्थियों की भीड़ घटी है। बोर्ड को परीक्षा केंद्र कम करने का मौका मिला तो केंद्राध्यक्ष राहत महसूस कर रहे हैं।

बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम तैयार किए जाने की वर्षो से चल रही परंपरा में इस बार बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। पहले हाईस्कूल की सुबह तथा इंटर की सायं पाली में परीक्षाएं होती थीं। इंटर के विषय अधिक होने व सभी वर्गो के लिए अनिवार्य विषय ¨हदी की परीक्षा एक साथ होने से कई पालियों में परीक्षार्थियों की इतनी अधिक भीड़ हो जाती थी कि केंद्रों पर फर्नीचर व कक्ष निरीक्षकों की कमी हो जाती थी। कई जिलों में टेंट अथवा खुले आसमान के नीचे परीक्षा कराने की खबरें आती रहती थीं। नए तरह के परीक्षा कार्यक्रम से यह स्थिति नहीं बनेगी।

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ये हैं मुख्य परिवर्तन

-विभिन्न वर्गो की इंटर अंग्रेजी के प्रश्नपत्रों की अलग पालियों में परीक्षा

-दोनों के प्रश्नपत्रों के लिए अलग अलग कोड संख्या

-प्रात: पाली की हाईस्कूल के साथ इंटर कला वर्ग व व्यावसायिक शिक्षा के कुछ विषयों की परीक्षा

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ये मिलेंगे खास लाभ

-इंटर अंग्रेजी परीक्षा में सायं पाली में घटी भीड़

- सामान्य ¨हदी व ¨हदी की परीक्षा की अलग अलग करने से भी दो पालियों में बंटी परीक्षार्थियों की संख्या

- जिले में 88 परीक्षा केंद्र कम करने का मिला अवसर

-कक्ष निरीक्षकों की तैनाती में होगी आसानी

-सामान्य व साहित्यिक ¨हदी की इंटर परीक्षा में नहीं होंगी प्रश्नपत्र बदलने की घटनाएं

-परीक्षा पालियों में भीड़ घटने से सुगम होगा परीक्षा नियंत्रण

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तीन वर्षो की परीक्षा तिथियां

2016 : 18 फरवरी से 21 मार्च तक

2017 : 16 मार्च से 18 अप्रैल तक

2018 : 6 फरवरी से 10 मार्च तक

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इस बार बोर्ड ने जिस तरह से परीक्षा कार्यक्रम तैयार किया है, उससे इंटर परीक्षा की पाली में पहले की तरह परीक्षार्थियों की भीड़ नहीं होगी। इससे केंद्र कम करने का रास्ता तो साफ हुआ ही, केंद्राध्यक्षों को परीक्षा कराना भी आसान हो गया है। नकल पर नकेल कसने व कक्ष निरीक्षकों की तैनाती करने में भी कठिनाइयां कम होंगी।

-सतीश कुमार तिवारी, जिला विद्यालय निरीक्षक

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