कानपुर के स्कूल में प्रबंधक और शिक्षक आमने-सामने, जानिए- क्या है पूरा विवाद
जब प्रबंधन ने शासन को सरकारी अनुदान न लेने का पत्र भेजा तो इस बात पर शिक्षक व प्रबंधन आमने-सामने हो गए। शिक्षकों का कहना था कि 70 सालों से स्कूल का संचालन हो रहा है। पहले कभी ऐसी बात सामने नहीं आई फिर अचानक क्यों।
कानपुर, जेएनएन। कुछ दिनों पहले आरके मिशन स्कूल में प्रबंधन ने शासन को पत्र भेजकर सरकारी अनुदान लेने से मना कर दिया था। प्रबंधन के इस कदम को देखते हुए शासन ने फौरन इस मामले में जांच बैठा दी। डीआइओएस सतीश तिवारी ने राजकीय हाईस्कूल के प्रधानाचार्य जेएस कुशवाहा को जांच अधिकारी नामित कर जांच सौंप दी। जांच शुरू भी हुई और दोनों पक्षों से आख्या भी जांच अधिकारी के पास पहुंच गई। हालांकि अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका। जांच अधिकारी जेएस कुशवाहा का कहना है, कि प्रशासन ने उनकी ड्यूटी कोरोना महामारी बचाव अभियान में लगा दी है, इस वजह से वह अपनी रिपोर्ट नहीं तैयार कर पा रहे हैं।
प्रबंधक और शिक्षक हो गए थे आमने-सामने: जब प्रबंधन ने शासन को सरकारी अनुदान न लेने का पत्र भेजा, तो इस बात पर शिक्षक व प्रबंधन आमने-सामने हो गए। शिक्षकों का कहना था, कि 70 सालों से स्कूल का संचालन हो रहा है। पहले कभी ऐसी बात सामने नहीं आई, फिर अचानक क्यों। जबकि प्रबंधन का कहना था, कि स्कूल को बिना किसी सरकारी मदद के निजी व्यवस्थाओं के अंतर्गत संचालित करेंगे।
इनका ये है कहना
जांच अधिकारी तय समय पर अपनी रिपोर्ट शासन को भेज देंगे। अगर प्रशासन ने उन्हें कोविड बचाव अभियान में लगा दिया है तो वह कुछ नहीं कर सकते। - सतीश तिवारी, डीआइओएस