संतोष की हत्या के बाद लालजी ने बनाया दबदबा

सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के मनिया गांव निकासी संतोष सिंह की हत्या के बाद लालजी यादव का दबदबा क्षेत्र में बढ़ गया था। उसने सपा की सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेना शुरु कर दिया था। पार्टी के कद्दावर नेता और तत्कालीन काबीना मंत्री का संरक्षण मिला तो उसका रसूख और बढ़ गया। इसी बूते लालजी ने परिवार के लोगों को पिता को ग्राम प्रधान व भाभी को जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित करा लिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 May 2019 07:09 PM (IST) Updated:Sat, 01 Jun 2019 06:32 AM (IST)
संतोष की हत्या के बाद लालजी ने बनाया दबदबा
संतोष की हत्या के बाद लालजी ने बनाया दबदबा

जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर): सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के मनिया गांव निकासी संतोष सिंह की हत्या के बाद लालजी यादव का दबदबा क्षेत्र में बढ़ गया था। उसने सपा की सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेना शुरु कर दिया था। कद्दावर नेता और तत्कालीन मंत्री का संरक्षण मिला तो उसका रसूख और बढ़ गया। इसी बूते लालजी ने परिवार के लोगों में पिता को ग्राम प्रधान व भाभी को जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित करा लिया। इसके बाद मंत्री की ही कृपा से दबंगई के साथ ठेकेदारी करने लगा। उड़ली गांव निवासी लालजी यादव की शुक्रवार की सुबह बाइक सवार तीन नकाबपोश हमलावरों ने सिद्दीकपुर में गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी। बता दें कि आठ वर्ष पूर्व लालजी यादव के भतीजे को मनिया गांव निवासी कुछ लोगों ने पीट दिया था। उन्हीं में से एक संतोष सिंह की हत्या में नाम आने के बाद लालजी की क्षेत्र में हनक बढ़ गई। शहर के प्रतिष्ठित थोक कपड़ा व्यवसायी प्रमोद गुप्ता के बेटे विक्की की हत्या व लूट में भी लालजी का नाम उभर कर आया। सपा सरकार में उसे राजनीति संरक्षण मिला तो उसने अपने पिता राजपति यादव को गांव का प्रधान चुनवा लिया। इसी हनक के सहारे भाभी दुर्गावती यादव को जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित करा लिया। राजनीति में पैठ बनाने के बाद उसने ठेकेदारी शुरू कर दी। सिद्दीकपुर में निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कालेज में भी ठेका हासिल कर लिया। धीरे-धीरे परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर ली। बीते पंचायत राज चुनाव में ग्राम प्रधान की सीट अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हुई तो लालजी ने गांव की लाली देवी को ग्राम प्रधान बनाने में अहम भूमिका निभाई। संतोष सिंह हत्याकांड के अलावा अन्य मामलों में राहत मिलने के बाद लालजी जरायम पेशे से दूरी बनाने लगा था। ठेकेदारी के भी विवाद को पुलिस ने जांच के दायरे में रखा है। आरंभिक छानबीन में लालजी यादव की हत्या में पुलिस के रडार पर एक ग्राम प्रधान भी है। तीन अज्ञात के खिलाफ एफआइआर

मृत लालजी यादव के भाई कमला यादव की तहरीर पर पुलिस ने तीन अज्ञात आरोपितों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। एएसपी (ग्रामीण) संजय राय ने बताया कि कारण पूरी तरह साफ नहीं है। तहरीर के आधार पर साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। उसी आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। पत्नी की मांग उजड़ी, चार बच्चों के सिर से छिना साया

लालजी यादव की हत्या से परिवार पर वज्रपात सा हो गया है। धाड़ें मारकर रो रही उसकी पत्नी आभा यादव समझ नहीं पा रही है कि कैसे बच्चों का भविष्य संवारेगी। कैसे बेटियों के हाथ पीले करेगी। लालजी के दो पुत्रियां एकता (18), अनुष्का (11), दो पुत्र अंकित (16) व आशुतोष (13) हैं। बच्चों की भी आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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