424 बैनामों में स्टांप चोरी, पौने पांच करोड़ की चपत

जागरण संवाददाता जौनपुर जिले हुए भूमि के बैनामे में बड़े पैमाने पर स्टांप चोरी की गई ह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 07:48 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 07:48 PM (IST)
424 बैनामों में स्टांप चोरी, पौने पांच करोड़ की चपत
424 बैनामों में स्टांप चोरी, पौने पांच करोड़ की चपत

जागरण संवाददाता, जौनपुर : जिले हुए भूमि के बैनामे में बड़े पैमाने पर स्टांप चोरी की गई है। मामला सामने आने पर जिला प्रशासन व रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों द्वारा लेखपत्रों व भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया गया। नौ माह में हुए बैनामे में करीब 424 के लेखपत्रों में कुल चार करोड़ 62 लाख की स्टांप चोरी पकड़ी गई है। इससे सरकार को करोड़ों की चपत लगी है। ऐ से में संबंधितों पर स्टांप वाद दर्ज करके वसूली की कार्रवाई की जा रही है। इससे दोषियों में खलबली मची हुई है।

जिले में भूमि के बैनामों के लिए सभी तहसीलों सदर, बदलापुर, मछलीशहर, केराकत, मड़ियाहूं व शाहगंज में रजिस्ट्री कार्यालय है। वर्ष 2020-21 में अप्रैल से अब तक हुई भूमि की रजिस्ट्री के कुल बैनामों में से 1200 बैनामा लेखपत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिसमें विभिन्न तहसीलों के कुल 776 लेखपत्रों का मूल्यांकन सही पाया गया। 424 लेखपत्रों में कुल चार करोड़ 62 लाख 26 हजार की चोरी पाई गई। इसमें सभी पर वाद दायर करने के बाद नोटिस भेजी जाएगी। चाहे तो वह जुर्माना व ब्याज के साथ स्टांप शुल्क जमा करें या फिर उनके मुकदमें की सुनवाई चलेगी। दिसंबर में पकड़े गए चोरी के 69 मामले

दिसंबर में 213 लेखपत्रों की जांच की गई, इसमें 144 भूमि बैनामों के स्टांप सही पाई गई, जबकि 69 भूमि बैनामों में स्टांप की कमी पाई गई। इसमें कुल 77 लाख 55 हजार की स्टांप चोरी पकड़ी गई। एआइजी ने देखे 256 मामले

एआइजी स्टांप प्रवीण कुमार सिंह ने नौ माह में कुल 256 भूमि बैनामा के लेखपत्रों की जांच की। इसमें उनके द्वारा 52 भूमि बैनामों में लेखपत्रों में गड़बड़ी पकड़ी गई। इसमें 53 लाख चार हजार रुपये के स्टांप की कमी पाई गई। प्रतिमाह कितना जांच है निर्धारित

भूमि के बैनामों के बाद उसमें लगाए गए स्टांप की जांच प्रति माह कराई जाती है। इसमें डीएम को प्रतिमाह पांच बैनामा, एडीएम को 25 बैनामा, एआइजी स्टांप को 50, सब रजिस्ट्रार सदर को 20 व अन्य तहसील के सब रजिस्ट्रार को 10-10 बैनामों के स्टांप की जांच के स्थलीय निरीक्षण करना होता है। इसके अलावा यह सभी अधिकारी अपनी स्वेच्छा से अधिक स्थलीय निरीक्षण कर सकते हैं।

बोले जिम्मेदार..

प्रशासनिक अधिकारियों व रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिमाह होने वाली भूमि की रजिस्ट्री के बैनामों की जांच की जाती है। इसमें देखा जाता है कि कितने बैनामों में स्टांप की कमी पाई गई। इसके बाद स्टांप चोरी करने वाले लोगों पर वाद दायर कर जुर्माना के रूप में स्टांप की धनराशि वसूली जाती है। वर्ष 2020-21 में कुल 424 भूमि के बैनामों में स्टांप चोरी के मामले पकड़े गए, जिसमें 4.62 करोड़ की स्टांप चोरी पकड़ी गई।

-प्रवीण कुमार सिंह, एआइजी, स्टांप।

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