.. जब भोले बाबा ने ही कर दिया फैसला

By Edited By: Publish:Sat, 26 Jul 2014 08:50 PM (IST) Updated:Sat, 26 Jul 2014 08:50 PM (IST)
.. जब भोले बाबा ने ही कर दिया फैसला

जलालपुर (जौनपुर): आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व किसी जमाने में त्रिलोचन महादेव के प्राचीन शिव मंदिर को लेकर दो गांवों रेहटी और लहंगपुर के मध्य भारी विवाद था कि यह मंदिर किस गांव की परिधि में है, दोनों गांवों के बड़े बुजुर्गो ने इस मामले को लेकर तमाम पंचायतें किया, किंतु विवाद नहीं सुलझा। दोनों तर्क देते रहे, मामला मारपीट और खून खराबे तक जा पहुंचा। इसी कम में दोनों गांवों के बुजुर्गो ने समझदारी से काम लेते हुए कहा कि जिसे लेकर यह विवाद है, क्यों न इसका फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया जाय कि यह मंदिर किस गांव में है। दोनों गांवों में तमाम लोगों की मौजूदगी में इस मंदिर में बाहर से ताला लगा दिया। मंदिर में दोनों पक्षों का ताला लगा हुआ था। अगले दिन दोनों गांवों से भारी संख्या में लोग मंदिर के सामने एकत्रित हुए और जब ताला खोला गया तो लोगों की आंखें आश्चर्य से फटी रह गई। शिव लिंग स्पष्ट रूप से उत्तर दिशा, रेहटी गांव की तरफ झुका था। भोले बाबा ने अपना फैसला सुना दिया था, तभी से इस मंदिर को रेहटी गांव में माना गया था। शिव लिंग उसी रूप में आज भी है।

मंदिर की सुरक्षा करते हैं भोले शंकर

समीपवर्ती गांव मकरा का एक व्यक्ति मंदिर से चांदी का सर्प चुरा ले गया था, बाद में वह पूरी तरह विक्षिप्त हो गया। चिल्लाता रहा मुझे सर्प काट रहा है। बचाओ। इधर-उधर भागता। परिजनों ने अधिक वजन का बनवाकर चांदी का दूसरा सर्प मंदिर प्रबंध तंत्र को दिया तब जाकर उसकी हालत सुधरी। इसी तरह चोरी से जुड़ी अन्य कई घटनाएं हैं जिसमें चोर विफल हो गए।

रहस्यमय कुंड

इस शिव मंदिर तथा पूरब सटे हुए रहस्यमय कुंड का उल्लेख स्कंद पुराण समेत अन्य शिव ग्रंथों में मिलता है। कुंड के अलग-अलग स्थानों पर स्नान करने से चर्म रोग और बुखार आदि में लाभ होता है। मंदिर में तकरीबन रोज ही क्षेत्र व दूर दराज क्षेत्र से आकर लोग दहेज रहित विवाह संपन्न कराते हैं।

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