बाबुल की दुआएं लेती जा..

उरई, जागरण संवाददाता : वैसे तो विद्यालय में विद्यार्थी अध्ययन करते नजर आएंगे और शिक्षक पढ़ाते हुए मि

By Edited By: Publish:Sun, 03 May 2015 06:22 PM (IST) Updated:Mon, 04 May 2015 04:25 AM (IST)
बाबुल की दुआएं लेती जा..

उरई, जागरण संवाददाता : वैसे तो विद्यालय में विद्यार्थी अध्ययन करते नजर आएंगे और शिक्षक पढ़ाते हुए मिलेंगे, परंतु रविवार को सनातन धर्म इंटर कालेज का नजारा बदला हुआ था। यहां पर मंडप सजे थे और मंगलगीत गाए जा रहे थे। कोई बाराती था तो कोई जनाती था, मौका था सर्व समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन का, इसमें 14 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।

समारोह में विवाह की सभी रस्मों का निर्वाह किया गया। पहले 14 दूल्हों की बारात निकली और उसके बाद द्वारचार हुआ। तत्पश्चात जयमाल और मंडप के नीचे अग्नि के फेरों के साथ यह जोड़े जीवनसाथी बने। विदाई के अवसर पर लड़कियों के माता-पिता अपने अश्रु नहीं रोक पाए। अपनी दुआओं के साथ वह अपनी बेटियों को सुखी वैवाहिक जीवन की कामना कर रहे थे। इस मौके पर अर्चना-भूपेंद्र, रूबी-अनिल, पूजा-रावेंद्र, गायत्री-छुन्ना, बबली उर्फ पूनम-धर्मेंद्र, भारती-अरुण, कंचन-नरेश, सुमन-पुष्पेंद्र, पूनम-अनिल, आरती-दिलीप, शिमला-चंद्रप्रकाश, सीमा-इंद्रपाल, रेखा-बृजेश और रोशनी-राहुल जीवनसाथी बने। कार्यक्रम संयोजक जिला पंचायत सदस्य संजय गौतम ने कहा कि तमाम लोग अपनी विपन्नता के चलते बेटियों का विवाह नहीं कर पाते। इसी मकसद से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नवदंपतियों को गृहस्थी के तमाम सामान भी भेंट स्वरूप दिए गए। शिक्षाविद कृपाशंकर द्विवेदी बच्चू महाराज ने कहा कि इस वर्ष किसानों को काफी नुकसान हुआ है। कई किसान अपनी बेटियों का विवाह नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में इस तरह के आयोजन निश्चित तौर पर उनके लिए मददगार साबित होंगे। शिक्षक संजय दुबे ने कहा कि बेटियों का विवाह कराना अत्यंत पुण्य कार्य है। समाज के संपन्न लोगों को इस तरह के आयोजनों का भागीदार बनना चाहिए। इस मौके पर सोनू परिहार, शोभित अवस्थी, आशीष पाठक, मनोज याज्ञिक, जितेंद्र तिवारी, राकेश वर्मा, मुकेश पाल, रवींद्र गौतम और वेदप्रकाश निरंजन समेत अन्य लोगों ने कार्यक्रम की व्यवस्था संभाली।

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