गरीबों संग गड़बड़झाला, ऊपरवाला ही रखवाला

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में घरों के लिए सब्सिडी दिलाने के नाम पर एजेंसी कर रही खेल आरोपों का घेरा समीक्षा बैठक में डीएम ने दिए एजेंसी से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश लाभार्थियों से अवैध वसूली पैसा न देने पर फाइल गुम करने के आरोप

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Nov 2019 12:26 AM (IST) Updated:Thu, 28 Nov 2019 12:26 AM (IST)
गरीबों संग गड़बड़झाला, ऊपरवाला ही रखवाला
गरीबों संग गड़बड़झाला, ऊपरवाला ही रखवाला

जागरण संवाददाता, हाथरस : प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत आवासों के लिए सब्सिडी दिलाने के नाम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। गरीबों को खोजने और सब्सिडी दिलाने के कार्य में जुटी प्राइवेट एजेंसी पर लाभार्थियों से अवैध वसूली करने और गरीबों के पैसा न देने पर फाइल गुम करने के गंभीर आरोप लगे हैं। डूडा के परियोजना अधिकारी ने एजेंसी के कामकाज पर सवाल उठाते हुए परियोजना निदेशक डूडा और डीएम को पत्र लिखा है। डीएम ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई से पहले एजेंसी से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए हैं।

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत घरविहीन गरीबों को मकान बनाने के लिए सरकार की ओर से ढाई लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है। लाभार्थियों को तलाशने और प्रक्रिया पूरी कराने का ठेका गुजरात की कंपनी जयेश ए दलाल को दिया गया है। वह हाथरस जिले में कार्य कर रही है। एजेंसी ने जिन कर्मचारियों को लगाया है उनमें अधिकांश यहीं के रहने वाले हैं। उन पर आरोप है कि वे लाभार्थियों की फाइल सब्सिडी के लिए तब तक डूडा कार्यालय नहीं भेजते, जब तक उन्हें पांच से 10 रुपये तक घूस नहीं मिल जाती है। इस तरह की शिकायत कई लाभार्थी कर चुके हैं। शिकायत यह भी है कि जो लाभार्थी पैसा नहीं दे पाते, उनकी बनी फाइल एजेंसी के कर्मचारी गायब कर देते हैं। अधर में लटका है काम

डूडा के सामने सात हजार से अधिक लोगों को सब्सिडी देने का लक्ष्य है, मगर उसे एजेंसी पूरा नहीं कर पा रही है। अभी तक करीब चार हजार लोगों को सब्सिडी का लाभ मिल पाया है। बाकी लोगों को सब्सिडी देने का कार्य एजेंसी की लेटलतीफी से नहीं हो पा रहा है। इस कारण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। इस संबंध में जयेश ए दलाल के मंडल समन्वयक रोहित कुमार से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई मगर उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ। इनका कहना है-

कई शिकायतें मिली हैं कि एजेंसी के लोग गरीबों से सब्सिडी दिलाने के नाम पर पैसा मांग रहे हैं। पैसा न मिलने पर उनकी फाइलें या तो रोकी जा रही हैं या फिर गायब की जा रही है। इसलिए एजेंसी के क्रियाकलापों की शिकायत निदेशक डूडा और डीएम से की गई है। सिफारिश की गई है कि उक्त एजेंसी से काम हटाकर किसी दूसरी एजेंसी को दे दिया जाए।

-अनुपम गर्ग, परियोजना अधिकारी डूडा। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के काम में जुटी एजेंसी के बारे में शिकायतें मिली थीं। इसलिए एजेंसी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश परियोजना निदेशक डूडा को दिए गए हैं।

-प्रवीण कुमार लक्षकार, डीएम हाथरस

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