चुनावी चौपाल : रेलवे क्रासिंग रोक रही बालामऊ के विकास की रफ्तार

बालामऊ जंक्शन के पास नारदानंद आश्रम में लगी जागरण की चुनावी चौपाल।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 13 Apr 2019 03:50 PM (IST) Updated:Sat, 13 Apr 2019 03:50 PM (IST)
चुनावी चौपाल : रेलवे क्रासिंग रोक रही बालामऊ के विकास की रफ्तार
चुनावी चौपाल : रेलवे क्रासिंग रोक रही बालामऊ के विकास की रफ्तार

हरदोई, जेएनएन। हरदोेई जिला और मिश्रिख लोक सभा क्षेत्र में आने वाले बालामऊ की रफ्तार रेलवे क्रासिंग रोक रही है। जंक्शन के बगल में रेलवे क्रासिंग है। जोकि घंटों बंद रहती है। मुख्य मार्ग पर क्रासिंग बंद होने से पूरा सिस्टम ही रुक जाता है। दशकों से क्रासिंग पर ओवरब्रिज की मांग चली आ रही है। सरकारें आईं, आश्वासन मिला और अभी इंतजार ही है। बालामऊ विधान सभा क्षेत्र के इस बड़े मुद्दे को लेकर दैनिक जागरण ने गुरुवार को जंक्शन के पास में ही स्वामी नारदानंद आश्रम में चुनावी चौपाल लगाई तो लोगों ने अपना दर्द बयां किया। उनका कहना था कि क्रासिंग के पास अस्पताल है। एंबुलेंस फंसी रहती हैं। लोगों की जान तक जा चुकी। बच्चों के स्कूल छूट जाते हैं पर इस मांग पर सियासत सोती ही रही। 

बालामऊ जंक्शन के पास क्रासिंग पर ओवरब्रिज न होने से लोगों की जिंदगी की रफ्तार ही धीमी हो गई है। एक तो व्यस्त रेल मार्ग दूसरे जंक्शन पर कहीं इंजन की संटिंग तो कहीं किसी गाड़ी में इंजन लगना, बदलना जाने आदि कारणों से क्रासिंग बंद रहती है। इतना परेशान हो गए हैं कि ऐसा लगता कि यहां से मकान कहीं दूसरी जगह बनवाएं जाकर जिससे कम से कम रफ्तार तो मिले। ज्वैलर्स ऋषि कुमार गुप्ता बोले जाम से लोग परेशान रहते हैं। जो भी जन प्रतिनिधि आए, उनसे मांग की गई। 40 साल से तो वही देख रहे हैं। उनकी बात खत्म नहीं हो पाई अनूप गुप्ता बोल पड़े। कहते हैं कि हरदोई लखनऊ मार्ग से यह लिंक मार्ग है। सीतापुर के लिए रास्ता है, लेकिन क्रासिंग की बजह से लोग परेशान रहते हैं और चक्कर काटकर जाना पड़ता है। जितने भी सांसद चुने गए सभी ने आश्वासन दिया। अब जो भी चुना जाए वह तो कम से कम मांग पूरी कर दे।

मनीष श्रीवास्तव ने क्रासिंग से रुकने वाले विकास का ही गणित समझाया। कहा कि कछौना जंक्शन के पास ब्रिज की मांग चल रही है। जनता परेशान है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर लोगों को घर पहुंचने तक दिक्कत होती है। अंत्योदय यानी अंतिम व्यक्ति का अगर विकास करना है तो ऐसी बाधाओं को दूर करना जरूरी है। बाधाएं दूर होंगी तो ही विकास की गाड़ी तेजी से चलेगी। बुजुर्ग कन्हैयाबक्स के चेहरे पर गुस्सा भी दिख रहा था। बोले दो दो गाड़ी पास होती हैं। घंटों वाहन फंसे रहते हैं। उन्होंने एंबुलेंस में लोगों को दम तोड़ते देखा है। हादसे भी हो चुके हैं, पर किसी सांसद ने ध्यान नहीं दिया। वादे तो सभी ने किए पर पूरे नहीं किए। अगर यह बन जाए तो रास्ता भी सुलभ हो जाएगा।

रमेश चंद्र का कहना है कि दिल्ली-हाबड़ा रेल मार्ग है। व्यस्त मार्ग है। ज्यादातर फाटक बंद रहता है। वाहन फंसे रहते हैं। ओबरब्रिज न होने से जिंदगी ही डिस्टर्ब हो गई है। जो भी जीतकर जाए कम से कम ओबरब्रिज का अंडरपास ही बन जाए। विपिन सिंह सिस्टम से नाराज हैं। कहते हैं कि ब्रिज बनना विकास के लिए जरूरी है। चौपाल में विभिन्न वर्ग के काफी संख्या में लोग मौजूद रहे आैर सभी की एक ही मांग जो भी बने सांसद उन्हें क्रासिंग पर ओवर ब्रिज दिलवाए।

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