18 माह से बिना पंजीकरण चल रहा अस्पताल, फजीहत के बाद चेता स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता हापुड़ नगर के स्वर्ग आश्रम रोड स्थित एक अस्पताल बिना पंजीकरण के संचालित ह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 07:23 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 07:23 PM (IST)
18 माह से बिना पंजीकरण चल रहा अस्पताल, फजीहत के बाद चेता स्वास्थ्य विभाग
18 माह से बिना पंजीकरण चल रहा अस्पताल, फजीहत के बाद चेता स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता, हापुड़

नगर के स्वर्ग आश्रम रोड स्थित एक अस्पताल बिना पंजीकरण के संचालित होता रहा। इस अस्पताल में प्रसूता महिला का आपरेशन करते समय चिकित्सकों ने उसके पेट में टांके नहीं लगाए। महिला जिदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। उसके स्वजन ने अस्पताल के चिकित्सकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नींद से जागे हैं। अब उन्होंने भी अस्पताल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। बता दें मोहल्ला आंबेडकर नगर निवासी ललिता देवी ने बताया कि 20 अगस्त को प्रसव पीड़ा के चलते उसने पुत्रवधु को स्वर्ग आश्रम रोड स्थित सिरोही नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। आपरेशन से पुत्रवधु ने एक शिशु को जन्म दिया। 23 अगस्त को चिकित्सकों ने पुत्रवधु को अस्पताल से छुट्टी दे दी थी। 28 अगस्त को पीड़िता पुत्रवधु को लेकर अस्पताल पहुंची। चिकित्सक द्वारा पट्टी खोलने पर पुत्रवधु के पेट पर लगे टांके बाहर निकल आए, लेकिन चिकित्सक ने लापरवाही बरतते हुए महज दोबारा पट्टी बांधकर पुत्रवधु को घर भेज दिया था।

घर पहुंचते ही पुत्रवधु की हालत बिगड़ने लगी। पीड़िता पुत्रवधु को दोबारा अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन चिकित्सकों ने अभद्रता करते हुए पीड़िता को अस्पताल से भगा दिया था। पुत्रवधु को लेकर पीड़िता गढ़ रोड स्थित एक अस्पताल में लेकर पहुंची, जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि पुत्रवधु के पेट में मवाद पड़ चुका है। आपरेशन के दौरान टांके उचित ढंग से नहीं लगाए गए हैं। पुत्रवधु अस्पताल में जिदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। स्वजन ने इस मामले में अस्पताल के चिकित्सक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आखिर किसकी सह पर आबादी में संचालित हो रहा था अस्पताल-

महिला की हालत बिगड़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की नींद टूटी। उन्होंने अस्पताल पर सील लगा दी। बड़ा सवाल यह है कि आखिर किसकी सह पर पिछले करीब 12 वर्षों से आबादी में अस्पताल का संचालन हो रहा था। सूत्रों की माने तो बगैर पंजीकरण के अस्पताल का संचालन हो रहा था, लेकिन सीएमओ डा. रेखा शर्मा ने बताया अस्पताल का पंजीकरण कराया गया था। 30 अप्रैल 2020 में पंजीकरण समाप्त हो गया। लाकडाउन के दौरान पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं कराया गया। इसके चलते अस्पताल संचालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। अस्पताल का हो सकता है ध्वस्तीकरण-

डीएम अनुज सिंह ने बताया कि अस्पताल नियमानुसार संचालित हो रहा था अथवा नहीं इसकी अधिकारिक स्तर से जांच कराई जा रही है। एचपीडीए के अधिकारियों से भी अस्पताल की जांच करने के लिए कहा गया है अगर अस्पताल का संचालन नियम विरुद्ध होना पाया जाएगा तो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कराई जाएगी। अस्पताल संबंधी मामलों के लिए टीम का गठन-

डीएम ने बताया कि अस्पताल संबंधी मामलों की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। टीम में सीडीओ, सीएमओ व डिप्टी सीएमओ को रखा गया है। ऐसे मामले जिनमें चिकित्सकों पर लापरवाही या अस्पतालों का नियम विरूद्ध संचालन होने का आरोप लगाया जाएगा। इन मामलों की जांच टीम द्वारा की जाएगी। सत्यता के आधार पर टीम आवश्यक कार्रवाई करेगी।

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